दिल्ली. रोना सेहत के लिए काफी नुकसानदायक होता है. लेकिन कई बार ऐसा भी होता है जब इंसान भावुक हो जाता है और उसके आंखों से अपने आप आंसु छलक जाते हैं. जब भी कोई रोता है तो सभी लोग कहते हैं कि रोना अच्‍छी बात नहीं है. अरे, रो क्‍यों रहे हो. मत रोओ. बच्‍चे भी अगर रोएं तो हमें कहते हैं कि अच्‍छे बच्‍चे रोते नहीं हैं.

लेकिन हमने शायद ही कभी किसी को ये कहते सुना हो कि अरे, तुमको रोना आ रहा है. कोई बात नहीं, खुलकर रो लो. जितना मन करे, उतना रो लो. जी भरकर रो लो. रोने को लेकर इतना खुलापन और सहजता आमतौर पर लोगों में नहीं होती. इसका कारण ये भी है कि लोगों को पता ही नहीं कि रोना सिर्फ आपका दुख प्रकट करने का तरीका नहीं है. रोना शरीर का अपना तरीका है खुद को प्रोटेक्‍ट करने, खुद का ख्‍याल रखने और खुद को स्‍वस्‍थ बनाए रखने का.

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यह वैज्ञानिक रूप से प्रूवेन फैक्‍ट है कि हम जब भी रोते हैं तो हमारे शरीर में ऑक्सिटोसिन नाम हॉर्मोन रिलीज होती है. ऑक्सिटोसिन दरअसल एक हैपी हॉर्मोन है. जब हम सहज रूप से खुश होते हैं, तो यह हॉर्मोन अपने आप ही रिलीज हो रहा होता है. लेकिन जब हम दुखी, उदास, परेशान, बोझ या तनाव से ग्रस्‍त होते हैं, तो टॉक्सिक स्‍ट्रेस हॉर्मोन रिलीज होने लगते हैं. ये हॉर्मोन शरीर के लिए खतरनाक हो सकते हैं.

ऐसे में हमारा शरीर प्राकृतिक रूप से अपना बचाव करने की कोशिश करता है. उस कोशिश में ऑटोमैटिकली ब्‍लड शुगर लेवल को बढ़ाना, धमनियों में ज्‍यादा खून पंप करना और हैपी हॉर्मोन को रिलीज करना शामिल है.

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हम जब भी जी भरकर और खुलकर रो लेते हैं, तो उसके बाद बहुत हल्‍का और अच्‍छा महसूस होता है. इसकी वजह सिर्फ ये नहीं है कि हमारे मन का गुबार निकल गया और मन हल्‍का हो गया. इसकी वजह ये भी है कि रोने के दौरान शरीर में हैपी हॉर्मोन ऑक्सिटोसिन रिलीज हुआ, जिसकी वजह से शरीर की तंत्रिकाएं और मसल्‍स रिलैक्‍स हो गए. यह हॉर्मोन ही वह वजह है, जिसके कारण रोने के बाद हम हल्‍का और तनाव मुक्‍त महसूस करते हैं.

जो भी लोग खुलकर रो पाते हैं और अपनी भावनाओं को आंसुओं के जरिए व्‍यक्‍त कर पाते हैं, वो ज्‍यादा खुश रहते हैं. उनके शरीर में टॉक्सिन जमा नहीं हाेते. इसके ठीक उलट न रो पाने और अपने गुबार को व्‍यक्‍त न कर पाने वाले लोगों का शरीर ज्‍यादा तनाव और दबाव की स्थिति में रहता है और इस तनाव की कीमत चुकाता है. इसलिए अगली बार अगर कोई आपके सामने रोए तो उसे चुप रहने और न रोने के लिए मत कहिएगा. उसे रोने दीजिएगा. रोकर शरीर खुद को बचा रहा है. अपनी रक्षा कर रहा है.