सुप्रिया पांडेय, रायपुर। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी संकट में दिखाई पड़ रही है. सोसाइटियों में धान का उठाव नहीं होने से जाम के हालात बन गए हैं. इधर अब तक एफसीआई ने चावल जमा करने की अनुमति राज्य को नहीं दी है. किसान बारदाने की कमी से पहले से ही जूझते आ रहे हैं. इन तमाम मुद्दों को लेकर आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में सीएम हाउस में मंत्रीमंडल की एक आपात बैठक हुई है. इस बैठक के बाद कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने माना है कि हालात नियंत्रण से बाहर जा रहे हैं. स्थिति यही रही तो आने वाले दिनों में धान खरीदी प्रभावित होगी. चौबे ने जानकारी देते हुए बताया है कि मौजूदा हालात के संबंध में मुख्यमंत्री ने आज पीएमओ से बात की है. जरूरत पड़ने पर पूरा मंत्रिमंडल केंद्र सरकार से चर्चा करने दिल्ली जाएगा.

धान खरीदी को लेकर मंत्री परिषद के सदस्यों की मुख्यमंत्री आवास में बुधवार को आपात बैठक हुई. बैठक में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, टीएस सिंहदेव, मो.अकबर, अनिला भेड़िया समेत तमाम मंत्री मौजूद रहे. बैठक के बाद मंत्री रविन्द्र चौबे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर जानकारी दी कि आने वाले दिनों में प्रदेश की धान खरीदी में संकट दिखाई दे रहा है.

उन्होंने कहा कि 60 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की सहमति केंद्र से मिली थी. अब तक 45 लाख मीट्रिक टन से अधिक की खरीदी हो चुकी है. 90 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य है. केंद्र से एफसीआई में चावल जमा करने की अनुमति अब तक नहीं मिली. कस्टम मिलिंग नहीं होने के कारण धान का उठाव प्रभावित हो रहा है. छत्तीसगढ़ के सभी सोसायटियों में धान जमा है.

कृषि मंत्री ने चेतावनी दी कि आने वाले दिनों में धान खरीदी प्रभावित हो सकती है. कल प्रदेश के सभी किसान संगठनों के साथ मंत्रालय में होने वाली बड़ी बैठक में आने वाले दिनों की रणनीति बनेगी. 12 बजे मंत्रालय में सभी किसान संगठनों की बैठक कर आगे की रणनीति तय की जाएगी. मुख्यमंत्री लगातार केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रियों से आग्रह कर रहे हैं. जरुरत पड़ी तो पूरा मंत्रिमंडल दिल्ली जाकर केंद्र सरकार से चर्चा करेगा.