ग्वालियर. क्या आपने कभी छोटी सी पिन से बनी पेंटिंग देखी है, नहीं ना..जी हां हम आपको उसी पिन के के बारे में बता रहे हैं, जिसे कागजों को एक साथ रखने के लिए किया जाता है. पर यहां हम किसी दीवार को आकर्षक रूप से सजाने के लिए बनाए जा रहे एक खास तरह की पेंटिंग्स के बारे में बताने जा रहे हैं. उक्त पेंटिंग का गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज होने जा रहा है.
10×10 फीट के कैनवास पर उभरेगी कला
बता दें कि ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय के एसओएस के छात्र दुष्यंत सिंह भदौरिया इस खास तरह की पेंटिंग तैयार कर रहे हैं. ऐसा करने पर उसका काम और नाम गिनीज बुक में दर्ज किया जाएगा. विश्वविद्यालय परिसर में बने गालव सभागार परिसर में इस अटेम्प्ट को पूरा करने में दुष्यंत पूरी शिद्दत के साथ जुटे हुए है. बोर्ड पिन की सहायता से एक लार्जेस्ट पेंटिंग तैयार कर रहा है, जिसमें लगभग 1 लाख 20 हजार पिनों का इस्तेमाल करते हुए 10×10 फीट के कैनवास बोर्ड पर उसे उकेरा जा रहा है.
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लोकल मानिटरिंग कमेटी रख रही नजर
इस रिकॉर्ड के लिए मंगलवार को दूसरे दिन भी दुष्यंत लगातार कैनवास पर काम कर रहे हैं. गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड की टीम लोकल मानिटरिंग कमेटी के माध्यम से लगातार इस पर निगाह रखे हुए है. बाकायदा इसकी रिकॉर्डिंग भी की जा रही है, ताकि रिकॉर्ड को लेकर पारदर्शिता बनाया जा सके.
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जनवरी में अप्लाई की अप्रूवल हाल में आई
गौरतलब है कि दुष्यंत ने जनवरी में गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में अप्लाई किया था, जिसका अप्रूवल उन्हें हाल ही में मिला. उसके बाद गिनीज बुक की गाइड लाइन के हिसाब से दुष्यंत ने इस पेंटिंग को तैयार करने में जुटे हुए है. ऐसे में विश्वविद्यालय प्रबंधन के साथ दुष्यंत के साथी रिकॉर्ड को पूरा कराने में लगातार प्रोत्साहित कर रहे है.
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