सदफ हामिद/ कुमार इंदर, भोपाल/जबलपुर। हाईकोर्ट द्वारा ओबीसी आरक्षण मामले में जारी अंतरिम आदेश के बाद कांग्रेस और सूबे की बीजेपी सरकार आमने सामने आ गई है। कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर ओबीसी विरोधी होने का आरोप लगाया है। पूर्व पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव ने ट्वीट कर कहा कि शिवराज सरकार ने पिछले 15 सालों में ओबीसी आरक्षण को लेकर कुछ नहीं किया। कमलनाथ की 15 महीने की सरकार ने ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने का फैसला लिया था लेकिन सत्ता चली गई।

अरुण यादव ने ट्वीट कर कहा, “शिवराज सिंह OBC विरोधी..ओबीसी आरक्षण को लेकर दृढ़इच्छाशक्ति के अभाव में शिवराज सरकार ने 15 सालों में कुछ भी नहीं किया, हाईकोर्ट में सरकार का पक्ष भी निराशाजनक! 15 महीनों में ही कमलनाथ सरकार ने 27% आरक्षण की घोषणा कर दी थी। प्रदेश सरकार के असहयोगात्मक रुख के कारण OBC वर्ग हताश….”

पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया ने भी सरकार को आरक्षण विरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार आरक्षण विरोधी है। भाजपा की मंशा ही नहीं है ओबीसी को आरक्षण देने की। सरकार ने हाईकोर्ट में अपना पक्ष ढंग से नहीं रखा। पूर्व मंत्री ने दावा किया है कि कांग्रेस सत्ता में आई तो ओबीसी को फिर से 27 प्रतिशत आरक्षण देगी। कांग्रेस ने सर्व सम्मति से ये बिल पास किया था।

पूर्व केन्द्रीय मंत्री के आरोप पर बीजेपी ने पलटवार किया है। मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस राजनैतिक लाभ लेने के लिए बिना तैयारी के 27% ओबीसी आरक्षण लेकर आई थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की मंशा ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण देने की नहीं रही, इसलिए बिना तैयारी 27% आरक्षण लेकर आई।। कोर्ट ने जब स्टे दिया तो पेशी पर वकील भी नहीं जाते थे। बीजेपी ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण दिलाने का पूरा प्रयास कर रही है।

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