भारत में लगातार आतंकी गतिविधियों का समर्थन करने वाला पाकिस्तान अब अपने ही जाल में फंस चुका है। एक-एक कर उसके सभी प्रांतोंं से विरोध की आवाजें उठने लगी हैं। जिस आतंकवाद और अलगाववाद का वह कभी खुलकर समर्थन करता था] आज वही अलगाववाद उसके लिए सिरदर्द बन गया है। खबर है कि, पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत के सुराब सिटी पर बलूचिस्तान आर्मी ने कब्जे के साथ ही 1 पाकिस्तानी अधिकारी को मौत के घाट उतार दिया है। इस हमले की पीएम शहबाज ने कड़ी निंदा की है।

अधिकारियों के अनुसार, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) के चरमपंथियों ने शुक्रवार देर रात खुजदार जिले के सोराब शहर पर हमला किया। उन्होंने कुछ समय के लिए शहर पर कब्जा कर लिया, कई सरकारी संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया और एक बैंक को लूट लिया।

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पाकिस्तान के लिए सुराब शहर की अहमियत

बलूचिस्तान का सुराब शहर बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा से सिर्फ 150 किलोमीटर दूर है। ऐसे में यह पाकिस्तान की सेना के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन सकता है। यह एक छोटा सा शहर है, लेकिन रणनीतिक दृष्टि से अहम शहर है। बलोच आर्मी के कब्जे के बाद इसकी अहमियत काफी ज्यादा बढ़ गई है। यह क्वेटा-कराची हाईवे पर है। एक बार इस हाईवे को बंद किया जा चुका है, अब बीएलए ने इस शहर पर दोबारा कब्जा जमा लिया है, ऐसे में फिर से यह हाईवे बंद हो सकता है, जिससे पाकिस्तान सरकार की पकड़ इस इलाके पर कमजोर हो सकती है। सुराब, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के निकटवर्ती क्षेत्रों से जुड़ा है, ऐसे में इस शहर पर कब्जा होने से यहां से CPEC की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दी जा सकती है।

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जानिए अब तक क्या-क्या हुआ?

शुक्रवार शाम में बलोच आर्मी के प्रवक्ता जीयांद बलूच ने मीडिया को बताया कि बलोच लड़ाकों ने पूरे सुराब शहर पर अपना कब्जा कर लिया है, सारे सरकारी ऑफिस उनके कंट्रोल में हैं। हालांकि पाकिस्तान सरकार की तरफ से इसपर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन अगर ऐसा होता है तो यह पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी के लिए शर्म की बात होगी। आपको बता दें कि इससे पहले भारत और पाकिस्तान के तनाव के दौरान बलूचिस्तान ने खुद को एक आजाद देश घोषित किया था।

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बलूचिस्तान और पाकिस्तान का क्या है झगड़ा?

बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है (क्षेत्रफल के हिसाब से), जो दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। यह अफगानिस्तान, ईरान और अरब सागर की सीमा से लगा हुआ है। बलूचिस्तान प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है। खासकर गैस, तांबा, सोना, कोयला और यूरेनियम का भंडार है। 1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय बलूचिस्तान एक अर्ध-स्वतंत्र राज्य (खान ऑफ कलात) था। बलूच नेताओं के अनुसार पाकिस्तान ने 1948 में जबरन बलूचिस्तान का विलय कर लिया। तभी से बलूचिस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ विरोध और विद्रोह की शुरुआत हुई।

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