नई दिल्ली। एनडीए संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ 9 जून को लेने जा रहे हैं. इस उपलब्धि पर दुनिया के तमाम देश मोदी को बधाई संदेश भेज चुके हैं, सिवाय एक के, जिसका नाम पाकिस्तान है. अब बधाई नहीं देने के पीछे पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपना तर्क दिया है. इसे भी पढ़ें : CG BREAKING: डोंगरगढ़ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष के घर ईडी का छापा, सुबह 5 बजे से चल रही कार्रवाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने से एक दिन पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय का बयान सामने आया है. प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री मोदी को चुनाव जीतने पर बधाई दी है, उस पर कहा कि अपने नेतृत्व के बारे में निर्णय लेना भारतीय नागरिकों का अधिकार है.

उन्होंने कहा, “हमें उनकी चुनावी प्रक्रिया पर कोई टिप्पणी नहीं करनी है,” उन्होंने कहा कि चूंकि नई सरकार ने आधिकारिक तौर पर शपथ नहीं ली है, इसलिए भारतीय प्रधानमंत्री को बधाई देने के बारे में बात करना “जल्दबाजी” होगी.

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भारत के साथ संबंधों के बारे में विस्तार से बताते हुए सुश्री बलूच ने दावा किया कि पाकिस्तान ने हमेशा अपने पड़ोसी के साथ रचनात्मक बातचीत के माध्यम से सभी विवादों को हल करने की कोशिश की है. उन्होंने कहा, “पाकिस्तान ने हमेशा भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ सहयोगात्मक संबंध चाहा है. हमने जम्मू-कश्मीर के मुख्य विवाद सहित सभी लंबित मुद्दों को हल करने के लिए लगातार रचनात्मक बातचीत और जुड़ाव की वकालत की है.”

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भारत ने कहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध चाहता है, जबकि इस बात पर जोर दिया है कि इस तरह के संबंधों के लिए आतंक और शत्रुता से मुक्त माहौल बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद की है.

इस साल की शुरुआत में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत ने “पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए कभी भी अपने दरवाजे बंद नहीं किए” लेकिन आतंकवाद का मुद्दा “बातचीत के केंद्र में निष्पक्ष और स्पष्ट होना चाहिए”. उन्होंने कहा. “हमने पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए कभी भी अपने दरवाजे बंद नहीं किए हैं. सवाल यह है कि किस बारे में बात की जाए … अगर किसी व्यक्ति के पास इतने सारे आतंकवादी शिविर हैं … तो यह बातचीत का केंद्रीय हिस्सा होना चाहिए.”