कतर पर इजरायल के हवाई हमले के बाद पाकिस्तान भड़का हुआ है। वह भारत का नाम लेकर इजरायल को हड़काने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, विदेश मंत्री इशाक डार लगातार इजरायल के खिलाफ जहर उगल रहे हैं। इशाक डार ने तो मुस्लिम देशों की रक्षा के लिए पाकिस्तानी परमाणु हथियारों के इस्तेमाल तक की बात कही है। पाकिस्तान इकलौता मुस्लिम देश है, जो परमाणु हथियारों से लैस है। ये दोनों नेता ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत-पाकिस्तान की लड़ाई का जिक्र कर रहे हैं और शेखी बघार रहे हैं। हालांकि, पूरी दुनिया ने देखा था कि भारत ने 7 मई से 10 मई के बीच पाकिस्तान का क्या हाल कर दिया था।

पाकिस्तान ने अमेरिका को भरोसेमंद साझेदार बताया

इशाक डार ने एक इंटरव्यू में कहा, “हम अपनी क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन नहीं होने देंगे, चाहे वह कोई भी करे, चाहे वह सबसे छोटा देश हो या सबसे बड़ा। हम जवाब देंगे। लेकिन मुझे कोई कारण नहीं दिखता कि अमेरिका या कोई और देश ऐसा क्यों करेगा। भारत ने ऐसा किया। आपने देखा कि उनके साथ क्या हुआ।” जब इशाक डार से कतर पर इजरायली हमले में अमेरिका की ओर से कोई कार्रवाई न करने पर सवाल किया गया और पूछा गया कि क्या पाकिस्तान अब भी अमेरिका को एक “भरोसेमंद” सुरक्षा साझेदार मानता है। इसके जवाब में इशाक डार ने मई में दोनों देशों के बीच हालिया तनाव के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कथित युद्धविराम कराने में अमेरिका की “सकारात्मक” भूमिका पर प्रकाश डाला। हालांकि भारत ने हमेशा से अमेरिका की भूमिका को खारिज किया है।

डार ने कश्मीर और गाजा का राग अलापा

इशाक डार ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के साथ संयुक्त राष्ट्र में भी सुधार की मांग की। उन्होंने कहा, “संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का उद्देश्य दुनिया में शांति बनाए रखना है। और अगर इसके प्रस्तावों को यूं ही कूड़ेदान में डाल दिया जाए, जैसा कि इतने सालों से होता आ रहा है—इजरायल गाजा और फिलिस्तीन में और भारत कश्मीर में—तो हम बहुपक्षीय व्यवस्था से क्या उम्मीद कर सकते हैं?”

डार ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र कर गीदड़भभकी दी

डार ने कहा कि पाकिस्तान का मानना है कि कोई भी देश चाहे कितना भी बड़ा या छोटा क्यों न हो, उसकी “गरिमा और सम्मान समान होना चाहिए।” उन्होंने भारत का जिक्र करते हुए कहा कि “किसी देश ने दावा किया था कि उसका आधिपत्य है, वह सुरक्षा प्रदाता है, वह पूरे क्षेत्र का कप्तान है।” लेकिन “आपने देखा कि 7 से 10 मई के बीच क्या हुआ। सब कुछ तय हो चुका है।” उन्होंने भारत को धमकाते हुए कहा, “आधिपत्य अब दफन हो चुका है।” डार ने आगे कहा कि उस समय पाकिस्तान की सैन्य कार्रवाई आत्मरक्षा में थी।

पाकिस्तान पर इजरायल के हमले की आशंका पर यह कहा

इस सवाल पर कि क्या कतर के बाद इजरायल पाकिस्तान पर अगला हमला कर सकता है। इस पर इशाक डार ने गीदड़भभकी देते हुए कहा, “भारत ने ऐसा करने की कोशिश की थी और इजरायल ने “हमारी जानकारी के अनुसार उसे पूरा समर्थन दिया” और “दुनिया ने देखा कि यह दावा बेनकाब हो गया है।” उन्होंने कहा, “हम तैयार हैं। मैं फिर दोहराता हूं, हम शांति चाहते हैं।” उन्होंने कहा, “परमाणु-सशस्त्र राष्ट्र इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार की अस्थिरता नहीं चाहता क्योंकि इसके परिणाम [क्षेत्र] से परे भी होंगे।”

भारत और इजरायल पर लगाया यह आरोप

इशाक डार ने आरोप लगाया कि इजरायल और भारत ही ऐसे देश हैं, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का पालन नहीं करते हैं। उन्होंने परिषद में एक ऐसी व्यवस्था विकसित करने पर जोर दिया जिससे “स्थिति को नियंत्रित” करने के लिए व्यावहारिक उपाय किए जा सकें। उन्होंने इसके लिए भौतिक कार्रवाई और भौतिक हस्तक्षेप की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान अपनी धरती से आतंकवाद को पूरी तरह से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस लड़ाई में उसने सर्वोच्च बलिदान दिया है। उन्होंने कहा, “यह आश्चर्यजनक है कि आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित देश को अभी भी भारत दोषी ठहरा रहा है।”

सिंधु जल संधि पर भारत को धमकाया

डार ने दोहराया कि पाकिस्तान भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध चाहता है, लेकिन चेतावनी दी कि संप्रभुता से कभी समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, “किसी को भी पाकिस्तान की स्वतंत्रता या अखंडता का उल्लंघन करने की इजाज़त नहीं दी जाएगी।” जल मुद्दों पर, डार ने धमकी दी कि भविष्य में युद्ध पानी को लेकर लड़े जाएंगे और याद दिलाया कि सिंधु जल संधि के तहत, भारत एकतरफा तौर पर जल वितरण को निलंबित या रद्द नहीं कर सकता। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “पाकिस्तान ने स्पष्ट कर दिया है कि पानी रोकने की किसी भी कोशिश को युद्ध की घोषणा माना जाएगा।”

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