इस्लामाबाद। पाकिस्तान के इतिहास में 3 अप्रैल का दिन ऐतिहासिक रहने वाला है. विपक्ष दलों के अविश्वास प्रस्ताव पर पाकिस्तानी संसद (नेशनल असेंबली) में सुबह 11.30 बजे से मत डाले जाएंगे. इस अहम नतीजे से पहले ही राजधानी इस्लामाबाद में एक तरफ प्रशासन ने धारा 144 लगा दी है, वहीं संसद के इर्द-गिर्द सुरक्षा बढ़ा दी है. आशंका है कि अविश्वास प्रस्ताव में विपक्षी दलों को जीत मिलने से इमरान खान के समर्थक इस्लामाबाद में हंगामा बरपा सकते हैं.

पाकिस्तान में महीनों से चल रहे सियासी उठापटक के बाद आखिर वह दिन आ ही गया है, जब तय हो जाएगा कि इमरान खान की सरकार अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी, या फिर समय से पहले उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ेगा. ‘नया पाकिस्तान’ का नारा लेकर साढ़े तीन साल पहले सरकार में आए इमरान खान की हालत यह है कि वे पार्टी छोड़ने वालों को गद्दार करार देने के साथ उनके बच्चों की तक दुहाई दे रहे हैं, लेकिन इस बात का सांसद पर असर होता नजर नहीं आ रहा है.

वहीं दूसरी ओर इमरान खान को सत्ता से हटाने के लिए बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल भुट्टो की अगुवाई वाली पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी), नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग – नवाज (पीएमएल-एन) और मौलाना फजलुर रहमान की अगुवाई वाली जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के साथ चंद रोज पहले तक इमरान खान की पार्टी के साथ जुड़ी एमक्यूएम तक शामिल हो गई है. ऐसे में इमरान खान का सत्ता से जाना तय माना जा रहा है.

बहुमत के आंकड़े से दूर इमरान खान

पाकिस्‍तान की नेशनल असेंबली में कुल 342 सीटें हैं. किसी भी सरकार के बने रहने के लिए 172 सीटों का होना जरूरी है. सरकार बनाते समय इमरान खान के पास में 176 सीटें थीं. इनमें इमरान खान की पीटीआई के पास 155, एमक्‍यूएम के पास 7, पीएमएल-क्‍यू और बीएपी के पास 5-5, जीडीए के पास 3, एएमएल के पास 1 सीट थी. वहीं विपक्ष के पास कुल 162 सीटें थीं, इनमें से नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन के पास 84, पीपीपी के पास 56, एमएमए के पास 15, बीएनपी-एम के पास 4, एएनपी के पास 1 और 2 सीट निर्दलीयों के पास थी. एमक्यूएम के पाला बदलने और करीबन 50 सांसदों के पार्टी से हटने के बाद अब इमरान खान की सरकार अल्पमत में है.