दिल्ली। पाकिस्तान की लाख कोशिशों के बाद भी वह एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं आ पाया है। खास बात ये है कि उसके दोस्त चीन ने भी इस बार उसका साथ नहीं दिया।
आतंकवाद को पालने पोसने वाला पाकिस्तान पूरी दुनिया में आतंकवाद के संरक्षक के रूप में जाना जाता है। आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई न करने पर आखिरकार पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानि एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने में सफलता नहीं मिली है। खास बात ये है कि इस बार पाकिस्तान का साथ उसके सदाबहार दोस्त चीन ने भी छोड़ दिया। इस बार पाकिस्तान का साथ उसके दोस्त चीन और सऊदी अरब ने भी नहीं दिया। इसे भारत की बड़ी सफलता कहा जा रहा है।
फ्रांस की राजधानी पेरिस में चल रही फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स एफएटीएफ की बैठक में चीन ने भारत, अमेरिका, यूरोपीय देशों और सऊदी अरब का साथ दिया। इन सभी देशों ने पाकिस्तान से कहा है कि उसे आतंकी वित्तपोषण और मनी लांड्रिंग के मामले में सख्त कार्रवाई करनी होगी। साथ ही आतंकी संगठन के सभी नेताओं को सजा और अभियोजन के दायरे में लाना होगा। इसके बाद ही उसे इस लिस्ट से बाहर करने पर विचार किया जाएगा।