दिल्ली. भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान पाकिस्तानी सेना के कब्जे में हैं। उनके जज्बे, हौसले और दिलेरी की बातें केवल अपना देश ही नहीं बल्कि पाकिस्तानी मीडिया भी कर रहा है। पाकिस्तान के नामी अखबार डॉन ने उनके अदम्य साहस की दास्तां बताई है। अखबार ने बताया है कि कैसे वायुसेना के जवान ने दुश्मनों के हाथों में गुप्त दस्तावेज नहीं लगने दिए और पड़ोसी देश में भारत के लिए कुछ नारे लगाए।
मंगलवार को अभिनंदन मिग 21 लड़ाकू विमान पर सवार थे और पाकिस्तानी विमान एफ16 का पीछा करते हुए गलती से नियंत्रण रेखा (एलओसी) में चले गए। उनका विमान दुर्घटनाग्रस्त होकर होरा गांव में गिरा। डॉन के मुताबिक, एलओसी से 7 किलोमीटर दूर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के भिमबेर जिले में उनका विमान गिरा। इस घटना के बारे में प्रत्यक्षदर्शी मोहम्मद रज्जाक चौधरी ने बताया कि बुधवार सुबह 8.45 बजे उन्हें आसमान में धुआं और आवाज सुनाई दी।
58 साल के सामाजिक कार्यकर्ता चौधरी ने बताया कि दो विमानों में आग लग गई थी लेकिन उनमें से एक नियंत्रण रेखा के पार चला गया। दूसरा आग की लपटों में घिरते हुए तेजी से नीचे आ गिरा। उस विमान का मलबा रज्जाक के घर से एक किलोमीटर दूर जाकर गिरा। उन्होंने एक पैराशूट को जमीन पर आते हुए देखा। जिसने उनके घर से एक किलोमीटर दूर लैंडिंग की थी।
उन्होंने डॉन को बताया, ‘एक पायलट पैराशूट से सकुशल बाहर निकला।’ उसी समय बहुत से युवाओं से कहा गया कि वह पाकिस्तानी सुरक्षाबलों के आने से पहले विमान के मलबे के पास न जाएं लेकिन उन्हें वहां पायलट मिल गया। पायलट के पास पिस्तौल थी। उसने युवाओं से पूछा कि यह पाकिस्तान है या हिंदुस्तान। इसपर एक ने चालाकी से कहा कि यह भारत है। यह सुनकर विंग कमांडर अभिनंदन ने भारत के गौरव में कुछ नारे लगाने शुरू कर दिए और पूछा कि यह भारत का कौन सा स्थान है।
पायलट के पूछने पर उसी युवा लड़के ने कहा कि यह स्थान किलान है। पायलट ने कहा कि उसकी पीठ टूट गई है और उसे पीने के लिए पानी चाहिए। कुछ युवा जो पायलट के नारों को नहीं पचा पाए उन्होंने ‘पाकिस्तानी सेना जिंदाबाद’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। इस पर अभिनंदन ने हवाई फायरिंग की और युवाओं ने अपने हाथों में पत्थर उठा लिए। रज्जाक के अनुसार भारतीय पायलट पीछे की दिशा में आधा किलोमीटर भागे और जो लड़के उसका पीछा कर रहे थे उन पर बंदूक तानी।
भागते हुए पायलट ने दोबारा हवाई फायरिंग की लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद वह एक छोटे से तालाब में कूद गये। उन्होंने अपनी जेब से कुछ दस्तावेज और नक्शे निकाले। कुछ को निगलने की कोशिश की और बाकी को पानी में भिगो दिया। इस दौरान लड़के लगातार उन्हें अपना हथियार फेंकने के लिए कह रहे थे और एक लड़के ने उनके पैर पर हमला किया।
चौधरी ने बताया कि लड़कों ने पायलट के दोनों हाथ पकड़ लिए। उसमे से कुछ ने उन्हें मारा जबकि अन्य ऐसा करने से उन्हें रोकते रहे। इसी बीच पाकिस्तानी सेना वहां आई और उन्हें अपनी हिरासत में लेते हुए युवाओं के चंगुल से बचाया। उन्होंने कहा, ‘शुक्र है कि नाराज लड़कों ने उन्हें गोली नहीं मारी क्योंकि उन्होंने उन्हें काफी देर तक छकाया था।’ इसके बाद हिरासत में लिए गए पायलट को सैन्य वाहन में भिमबेर के सैन्य प्रतिष्ठान लेकर जाया गया।