वीरेंद्र कुमार, नालंदा। नालंदा जिले के दीपनगर थाना क्षेत्र में मां काली के जयकारों के बीच रविवार को मातम छा गया। कोसुक गांव के पास पंचाने नदी में मूर्ति विसर्जन के दौरान तीन युवक अचानक गहरे पानी में समा गए। देखते ही देखते पूजा का उल्लास चीख-पुकार में बदल गया। लोग दौड़े बचाने की कोशिश की लेकिन पलभर में हादसा हो गया।

24 घंटे की जद्दोजहद, दो शव मिले

सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया। करीब 24 घंटे की मशक्कत के बाद सिंह नगर निवासी मोहित और मंदीप के शव बरामद किए गए। हालांकि तीसरा युवक सागर अब भी लापता है। नदी किनारे माहौल गमगीन है परिजनों की चीखें अब भी गूंज रही हैं।

लापरवाही पर फूटा गुस्सा

गोताखोरों की देरी और प्रशासनिक सुस्ती से नाराज ग्रामीणों का सब्र आखिर टूट गया। शव बरामद होने के बाद लोगों ने बिहार शरीफ राजगीर मुख्य मार्ग जाम कर दिया। ग्रामीणों ने टायर जलाकर सड़क पर आगजनी की और कई वाहनों के शीशे तोड़ दिए। घंटों तक सड़क पर अफरातफरी का माहौल रहा यात्रियों की चीखें और भीड़ का गुस्सा मिलकर सड़क को रणभूमि बना गया।

परिवार का आरोप

परिजनों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि अगर गोताखोर समय पर पहुंचते तो तीनों युवक की जान बच सकती थी। प्रशासन की देरी ने हमारे घरों की रोशनी बुझा दी रोते हुए एक परिजन ने कहा।

भारी पुलिस बल तैनात, गांव में सन्नाटा

हंगामे के बाद दीपनगर, सोहसराय और बिहार थाना की पुलिस टीमों को मौके पर तैनात किया गया है। तीसरे युवक की तलाश अब भी जारी है लेकिन पानी की गहराई मौत की गवाही दे रही है। गांव और आसपास का माहौल पूरी तरह से गमगीन है। महिलाओं की करुण पुकार और बच्चों के आंसुओं से पूरा इलाका शोक में डूबा हुआ है।

हर दिल में एक ही सवाल

तीनों युवक सिंह नगर निवासी थे जो काली मां की प्रतिमा विसर्जन के लिए पंचाने नदी पहुंचे थे। लेकिन संतुलन बिगड़ते ही नदी ने उन्हें अपने आगोश में ले लिया। अब गांव का हर चेहरा यही सवाल कर रहा है भक्ति का त्योहार मौत का मंजर क्यों बन गया? आखिर कब तक लापरवाही ऐसी जिंदगियां लीलती रहेगी?