शब्बीर अहमद, भोपाल। राजधानी भोपाल से बड़ी खबर आई है। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव (Panchayat Election)नहीं होंगे। विधि विशेषज्ञों से कानूनी सलाह के बाद मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग (Madhya Pradesh Election Commission) ने यह फैसला लिया है। 

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राज्य निर्वाचन आयोग सचिव बीएस जामोद (State Election Commission Secretary BS Jamod)  ने कहा कि कानूनी राय के बाद राज्य निर्वाचन आयुक्त ने पंचायत चुनाव की पूर प्रक्रिया को ही निरस्त कर दिया है। जिन कैंडिडेट ने नामांकन के साथ जमानत राशि जमा की है, उसे वापस किया जाएगा। बैठक में आयोग के आयुक्त बसंत प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास उमाकांत उमराव, सचिव राज्य निर्वाचन आयोग बीएस जामोद सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। 

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इससे पहले रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज संशोधन अध्यादेश को वापस लेने का निर्णय लिया था। इसे राज्यपाल मंगुभाई पटेल की अनुमति मिलने के बाद विधि एवं विधायी विभाग ने देर रात तत्काल प्रभाव से वापस लेने की अधिसूचना जारी की थी। अब तय माना जा रहा है कि पंचायत चुनाव फिलहाल नहीं होंगे। इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग सोमवार को विधि विशेषज्ञों से परामर्श करके निर्णय लेगा।

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परिसीमन और रोटेशन पर कोर्ट गई थी कांग्रेस
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य व वकील विवेक तन्खा, पीसीसी के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष सैयद जाफर ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी। कोर्ट से कई बार की सुनवाई में उन्हें राहत नहीं मिली थी लेकिन सुप्रीमकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के मामले में महाराष्ट्र के अपने फैसले का हवाला देकर राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव कराने का फैसला सुनाया था। इससे ओबीसी आरक्षण के बिना पंचायत चुनाव कराने की स्थिति बन गई थी और फिर राज्य निर्वाचन आयोग ने ओबीसी पदों को छोड़कर चुनाव प्रक्रिया को जारी रखा।

मुख्यमंत्री ने दिल्ली में सॉलिसिटर जनरल से की थी चर्चा 

सुप्रीम कोर्ट द्वारा पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर रोक लगाने के बाद भी आरक्षण को लागू करने के लिए सीएम शिवराज सिंह हर कानूनी कदम उठा रहे हैं। रविवार को दिल्ली जारकर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सहित कानून विशेषज्ञों के साथ चर्चा की थी। वहीं  सरकरा सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका भी दाखिल कर चुकी हैं। इस पर तीन जनवरी को सुनवाई होनी है।

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