रायपुर. एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर) की सर्वे रिपोर्ट में एक बड़ा खुलासा हुआ है. इस रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ के छात्र किताबों में पढ़ी बातों को व्यवहारिक प्रयोग में लाने में कमजोर हैं. खासकर धमतरी जिलों के बच्चे में यह कमी देखी गई है. (असर) ने इस जिले में ही बच्चो का सर्वे किया था, जिसके बाद यह बात समने आई थी कि इस जिले के बच्चे गणित, रीजनिंग और अंग्रेजी में काफी कमजोर है.आपको बता दे कि धमतरी पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर का गृह जिला है.

छत्तीसगढ़ में स्कूली बच्चों और युवाओं में पढ़ाई का स्तर पहले से बेहतर हुआ है. इंटरनेट और कम्प्यूटर का इस्तेमाल भी बढ़ा है. लेकिन किताबों में पढ़ी बातों को बच्चे रोजमर्रा के जीवन में इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं. गणित के कई सवाल जब बच्चों से पुछे गये तो बहुत कम बच्चे ही सही जवाब दे सके. यानि कि कुल मिलाकर पिछले साल की रिपोर्ट में बच्चों का गणित और अंग्रेजी विषय कमजोर होने की जो बात सामने आई थी. यही समस्या इस साल भी बनी हुई है.

हांलाकि पिछले साल से इस साल शिक्षा के स्तर में सुधार हुआ है, लेकिन गुंजाइश अभी भी बाकी है. सर्वे में कई संतोषजनक तथ्य भी सामने आए हैं. जैसे लड़कियां, लड़कों से बेहतर प्रदर्शन कर रही है. बुनियादी गणित में भी लड़कियों की समझ ज्यादा अच्छी है.

एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर) की ये बारहवीं रिपोर्ट है. जिसमें देशभर के 24 राज्यों के 28 ग्रामीण जिलों के 1641 गांवों में ये सर्वे किया गया है. छत्तीसगढ में धमतरी जिले के 60 गांव के 956 घरों में किया गया है. जिसमें 14 से 18 साल के युवा वर्ग को शामिल किया गया है.

एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट को राज्य के शिक्षामंत्री केदार कश्यप ने संतोषजनक बताया है. कश्यप ने कहा कि जो कमियां सामने आई है, उसे दूर करने की कोशिश की जा रही है.