रणधीर परमार, छतरपुर। हाथरस घटना के बाद बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने 4 जुलाई को अपने जन्मदिन पर अपील की थी कि धाम पर लोग ना आए। उनके अपील का काफी असर हुआ जिसके चलते करीब 40 फीसदी कम लोग धाम पहुंचे। दूसरी तरफ पुलिस प्रशासन पूरी तरीके से मुस्तैद था कि किसी तरीके की कोई घटना ना हो। एकबार फिर धीरेंद्र शास्त्री ने अयोध्या के बाद मथुरा और काशी को लेकर बयान दिया है।

आखिर इस देश के नेता कब जागेंगे

हाथरस की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। इन सबको लेकर एक गाइडलाइन बननी चाहिए। सिर्फ बाबाओं के कार्यक्रम में नहीं बल्कि नेताओं की भी सभाओं में ऐसा कई बार होता है। इसके लिए प्रशासनिक प्रोटोकॉल होना चाहिए और आस्था की एक व्यवस्था होनी चाहिए। आखिर इस देश के नेता कब जागेंगे। जूते पहन कर सत्संग करने वाले सवाल पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि- आप लोगों की टीवी ने जो दिखाया वो हमें अच्छा नहीं लगा। हम उनके मत पर कुछ नहीं कहेंगे, उनका मत क्या है, उनका समुदाय क्या है, उनकी आस्था क्या है।

मथुरा, काशी और पीओके के लिए इस बार अच्छा समय

हम आपका सम्मान तब करेंगे जब आप अपनी आईडी, कैमरा, कार्ड दिखाएंगे। वर्ना आप फर्जी पत्रकार कहलाएंगे। हमारे सेवादार ऐसे पत्रकारों को बाहर फेंक देंगे। पुलिस अगर वर्दी में नहीं है तो उन्हें भी बाहर कर देंगे। अगर आप साधु है तो आपकी एक मंच की इज्जत आपकी वेशभूषा सब देखना चाहिए, वर्ना भगवान सब देख रहा है। पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल को लेकर कहा- इस बार बहुत उम्मीद है जैसे मथुरा, काशी और पीओके इस बार अच्छा समय है पीओके (POK) के लिए।

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