अजय शर्मा,भोपाल। कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने मंदिर में ड्रेस कोड लागू करने का विरोध किया है. उन्होंने इसे हिंदू धर्म के खिलाफ साजिश बताते हुए कहा कि भगवान कपड़ों से नहीं कलेजे से प्रसन्न होते हैं. पंडित प्रदीप मिश्रा इकलौते है, जिन्होंने इसका विरोध जताया है. अब इस पर कांग्रेस बीजेपी का बयान सामने आया है, लेकिन नेता भी इस पर टिप्पणी करने बच रहे हैं. वो न इसका विरोध कर रहे और न ही समर्थन कर रहे हैं.
बीजेपी ने नहीं की कोई टिप्पणी
पंडित प्रदीप मिश्रा के ड्रेस कोड को लेकर दिए बयान बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि यह सनातनी विद्वानों का विषय है. वह इस पर टिप्पणी करें, तो बेहतर होगा. मैं राजनीतिक व्यक्ति हूं. मुझे इस पर टिप्पणी करने का कोई हक नहीं है. पंडित प्रदीप मिश्रा ने इस संदर्भ में क्या कहा है यह वह बेहतर तरीके से बता सकते हैं मैं नहीं.
प्रदीप मिश्रा ने जो कहा, उसमें कोई गलत बात नहीं -कांग्रेस
पंडित प्रदीप मिश्रा के ड्रेस कोड को लेकर दिए बयान पर कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने कहा कि वह एक विद्वान व्यक्ति हैं. यदि यह बात कह रहे हैं कि इसमें कोई गलत बात नहीं है. बहुत विरले ही होते हैं, जो मंदिर में छोटे कपड़े पहनकर जाते हैं. नहीं तो मैंने तो आज तक किसी को छोटे कपड़ों में मंदिर जाते नहीं देखा है. सभी को शालीन कपड़ों में ही देखा है. यही नहीं इस पूरे मामले को लेकर विधायक पीसी शर्मा ने अमेरिका का एक वृतांत तक सुना डाला.
बिफरे पंडित प्रदीप मिश्रा
बता दें कि मंदिर में छोटे कपड़े पहनकर नहीं जाने की सलाह देने वालों पर कथाववचक पंडित प्रदीप मिश्रा बिफर गए. प्रदीप मिश्रा ने एक आयोजन में कहा कि भगवान को कभी कपड़ों से मतलब नहीं है. ये सनातन धर्म को तोड़ने का एक नया विरोध शुरू हो गया. ड्रेस कोड लागू करने वालो को बताया विधर्मी, ऐसा करने से ही हमारे बेटा-बेटी दूसरे धर्म की तरफ चले जाते हैं.
शिव कभी कपड़ों से प्रसन्न नहीं होते
कथाववचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि कपड़े बदलने से परमात्मा मिलता होता, तो शोरूम में जो पुतले होते हैं उनके रोज कपड़े बदले जाते हैं तो भगवान उनको मिल जाता. भोलेनाथ कपड़ा देखता है या कलेजा देखता है. शिव कभी कपड़ों से प्रसन्न नहीं होते. कुछ लोग हमारे ही सनातनियों के कान भर कर उनसे इस तरह की सलह दिलवाते है.
युवाओं को मंदिर जाने से रोकने की चाल
उन्होंने कहा कि सनातनियों को बहकाने के लिए इस तरह की चाल चली जा रही है. भोलेनाथ तुम्हारा कपड़ा देखता या फिर कलेजा देखता है. शिव पकड़े से कभी प्रसन्न नहीं होते. नव युवकों को मंदिर में प्रवेश करने से रोकना है, तो ड्रेस कोड लागू कर दो. ऐसे में कोई भी युवा मंदिर नहीं जाएगा. हम ऐसा कपड़ा पहने इसलिए मंदिर में नहीं जाएंगे.
यहां हुई सबसे पहले शुरुआत
गौरतलब है कि एमपी में अशोक नगर में मंदिर में ड्रेस कोड लागू करने की शुरुआत हुई थी. इसके बाद भोपाल, इंदौर में अभी ड्रेस कोड लागू करने के बैनर पोस्टर लगाए गए. राजधानी भोपाल में भी दिगंबर जैन मंदिर और आदर्श नव दुर्गा मंदिर में ड्रेस कोड लागू हुआ है. मंदिर समितियों ने बैनर पोस्टर लगाकर लिखा कि यहां छोटे कपड़े पहन कर ना आएं.
विदेशी पहनावे और मंदिरों में अंग प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है. शॉट्स, हाफ पैंट, नाइट ड्रेस, फ्रॉक, जींस, कटा हुआ पैंट, छोटे कपड़े पहन कर मंदिर में आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. पोस्टर्स में लिखा था कि केवल भारतीय पारंपरिक परिधान और पूरे कपड़े पहन कर ही व्यक्तियों को मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा.महिला और पुरुष दोनों के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है.
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