गांव में Tiger की आहट से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. ग्रामीण अपने और परिवार की सुरक्षा के लिए टायर जलाकर पहरेदारी करने को मजबूर है. टाइगर के आहट की पुष्टि उसके पैरों के निशान से हुई है. ये मामला ओडिशा के गंजाम जिले का है.
जानकारी के मुताबिक बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक स्वतंत्र निगरानी समूह बनाया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हाल ही में गांव में बाघ के पैरों के निशान मिलने के बाद से ग्रामीणों में भय व्याप्त है, और वे रातों को जागकर पहरा दे रहे हैं. यह घटना गंजाम जिले के सनाखेमुंडी ब्लॉक में हुई है.
सनाखेमुंडी ब्लॉक के लोग बाघ के डर से रातभर जागकर गांव की सुरक्षा कर रहे हैं और टायर जलाकर बाघ को दूर रखने का प्रयास कर रहे हैं. Brahmapur के सहायक वन संरक्षक (ACF) ने पुष्टि की है कि गांव में हाल ही में देखे गए पैरों के निशान बाघ के हैं, जिससे गांववाले और ज्यादा चिंतित हो गए हैं.
ग्रामीण रात के समय डंडे लेकर पहरा दे रहे हैं और टायर जलाकर बाघ को गांव से दूर रखने की कोशिश कर रहे हैं. नर्सिंहगढ़ गांव और उसके आस-पास के गांवों जैसे गंगापुर, हरिजनसाही और ढेपागुडा में दहशत का माहौल है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, माना जा रहा है कि रॉयल बंगाल टाइगर गुमुसर वन विभाग से Brahmapur वन विभाग की ओर बढ़ गया है. नर्सिंहगढ़ गांव के पास जंगल में बाघ के पैरों के निशान देखने के बाद ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचित किया.
बाघ की गतिविधियों की निगरानी के लिए दो ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं. वन विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि वे शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक घरों से बाहर न निकलें. बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कई टीमें बनाई गई हैं.