सत्या राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष क्रिस्टोफर पॉल ने स्कूल शिक्षा विभाग के युक्तियुक्तकरण फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम बच्चों, स्कूलों और शिक्षा व्यवस्था सभी के हित में है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में हजारों स्कूल ऐसे हैं जहां शिक्षक नहीं हैं या एक ही शिक्षक के भरोसे स्कूल चल रहे हैं, जबकि शहरों में 7-8 हजार शिक्षक अतिशेष हैं.

शिक्षा में आएगी गुणवत्ता
बिना गुरू शिक्षा के कल्पना नहीं किया जा सकता और स्कूल में जो पाठ्यक्रम आधारित होता है वहाँ शिक्षा संभव नहीं है जिन स्कूलों में एक शिक्षक है वहाँ शिक्षक पहुँचेंगे जीन स्कूलों में शिक्षक ही नहीं है वहाँ शिक्षक होंगे
स्कूलों में नहीं रहेंगे अतिशेष शिक्षक
युक्ति युक्तकरण होने से अतिशेष शिक्षक नहीं रहेंगे रायपुर बिलासपुर और दुर्ग में ही 7-8 हज़ार शिक्षक अतिशेष जब पूरे छत्तीसगढ़ में आंकड़ा निकाला जाएगा यह बहुत बड़ा आंकड़ा होगा युक्ति युक्तकरण के माध्यम से ही इनको व्यवस्थित किया जा सकता है
शिक्षक विहीन नहीं रहेगा स्कूल
एक ओर स्कूलों में आवश्यकता से अधिक शिक्षक हैं दूसरी ओर इस स्कूल में शिक्षक ही नहीं है तो यही अतिरिक्त जो शिक्षक हैं उनको ख़ाली स्कूलों में भेजा जाएगा जिससे स्कूल ख़ाली नहीं होगा और विद्यार्थियों को शिक्षक मिलेंगे
मध्यान्ह भोजन घोटाला रुकेगा
दर्ज संख्या के आधार पर मध्यान्ह भोजन का रजिस्टर मेंटेन किया जाता है लेकिन दर्ज संख्या को चेक किया जाए तो बच्चे सब प्रतिशत उपस्थित रहते ही नहीं है ऐसे में उनकी अनुपस्थिति का फ़ायदा लिया जाता है और घोटाला को अंजाम दिया जाता है
क्लास नहीं लेने वाले लेंगे
प्राचार्य और प्रधान पाठक के लिए क्लास निर्धारित हैं बावजूद प्राचार्य और प्रधानपाठक स्कूलों में क्लास नहीं लेते थे जो अब क्लास लेंगे तो कही न कही जो शिक्षकों की कमी होते हुए भी दिखती थी वो थोड़ा आपूर्ति होगा
इन स्कूलों में प्रयोग सफल
प्रदेश में सैकड़ों की संख्या में स्वामी आत्मानंद स्कूल खोला गया जहाँ एक प्राचार्य रखा गया और ये प्रयोग सफल रहा है पढ़ाई का स्तर भी ऊँचा उठा है शिक्षकों की कमी दिखाई नहीं दी है हालाँकि इन स्कूलों में संविदा के माध्यमों से पद भरा गया है
विद्यार्थियों को भटकने की जरूरत नहीं
एक ही कैंपस में कक्षा एक से पांचवीं तक प्राथमिक स्कूल, कक्षा 6 वीं से 8वीं तक और कक्षा 9वीं से 12वीं तक हालाँकि स्कूल संचालित होने के कारण विद्यार्थियों को भटकना पड़ता था प्रवेश के लिए जूझना पड़ता था कई जगह 12वीं तक स्कूल नहीं होने के कारण पढ़ाई छोड़ना पड़ता था लेकिन अब हो सकता है कई स्थानों में 12 वीं तक की पढ़ाई के लिए थोड़ा बच्चों को दूर जाना पड़े लेकिन युक्तियुक्त करण होने के बाद कक्षा 1 से बारहवीं तक पढ़ाई के लिए बच्चे और पालक आश्वास्त रहेंगे
बाबूगीरी से छुटकारा
शिक्षा विभाग में शिक्षकों का बहुत बड़ा अमला जैसे संकुल समन्वयक और प्रधान पाठक, जो बाबूगिरी और अफसरगिरी कर रहे है, इन पदों की आवश्यकता ही नही है, इन्हे अध्ययापन कार्य में भेजा जाना चाहिए. युक्तियुक्तकरण से लाभ यह होगा कि स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर होगी, जो शिक्षक बाबूगिरी और अफसरगिरी कर रहे थे, उन्हे अब बच्चों को पढ़ाना पड़ेगा.
घर के करीबी स्कूलों में पदस्थापना लेने वाले शिक्षक जिन्होने भ्रष्टाचार के ज़रिए पदस्थापना पाई है, उन्हे अब अन्य स्कूलों में भेजा जाएंगा
पैरेंट्स एसोसिएशन ने कहा जहां दर्ज संख्या कम है, ऐसे स्कूलों को पूर्व में भी बंद किया गया है, जहां अतिशेष शिक्षक है, उन्हे अन्य स्कूलों जहां पर शिक्षकों की कमी है, वहां भेजा जाता रहा है हम स्कूल शिक्षा विभाग के इस निर्णय का स्वागत करते है, इसे सख्ती से और अविलंभ करना अनिवार्य है ताकि विसंगतियां दूर है, स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर किया जावें, बच्चों को स्कूलों में पढ़ाने के लिए पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध हो, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पाने प्रत्येक बच्चे का मौलिक अधिकार है।
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