Paris Olympics 2024 : अमन सहरावत भारत के लिए ओलंपिक में ब्रॉन्ज जीतने वाले सबसे युवा एथलीट्स बने हैं. ब्रॉन्ज मेडल से पहले उनका वजन 4.6 किलो ज्यादा था. ऐसे में उन्होंने रात भर जाकर कड़ी मेहनत की और फिर अपने आप को 57 किलो से कम करके ब्रॉन्ज जीत लिया. ये अपने आप में बड़ा चमत्कार था, जानिए कैसे हुआ…

अमन सहरावत…ये नाम आज हर तरफ गूंज रहा है. वजह हे पेरिस ओलंपिक में देश के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीता. अमन ने सिर्फ 21 साल की उम्र में यह कमाल कर दिया. वो सबसे युवा ओलंपिक मेडलिस्ट बने हैं. अमन ने 57 किलोग्राम की कैटेगरी में प्यूर्टो रिको के डरियन टोई क्रूज को 13-5 से हराकर देश को ब्रॉन्ज दिलाया. यह जीत जितनी सुनने में आसान लग रही है, उससे कहीं ज्यादा मुश्किल थी, क्योंकि मैच से ठीक पहले अमन का वनज 61.5 KG हो गया था, जबकि वो 57 किलोग्राम की कैटेगरी में पार्टिसिपेट कर रहे थे. फिर अमन ने वो कर दिखाया जो अपने आप में एक चमत्कार से कम नहीं है.

सिर्फ 1 रात यानी लगभग 10 घंटे में अमन ने कड़ी मेहनत की और 4.6 किलो वजन घटाकर खुद को फाइनल के लिए रेडी किया और फिर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया. आखिर ये सब एक रात में कैसे हुआ. यह कहानी आपको भी जानना चाहिए.

हालांकि अमन ने हार नहीं मानी और एक रात में 4.6 किलोग्राम वजन घटाकर फाइनल मैच के लिए खुद को रेडी किया और मेडल जीतकर सभी को चौंका दिया. आखिर ये सब कैसे हुआ, चलिए जानते हैं. पहली बार ओलंपिक खेल रहे अमन को सेमीफाइनल में हार मिली थी, इसलिए वो गोल्ड से चूक गए थे. उनका वजन 61.5 किलो ग्राम हो गया था, जबकि उन्हें ब्रॉन्ज के लिए 57 किलोग्राम तक लाना था. इसका मतलब उनका वजन पूरा 4.5 किलो ज्यादा था.

चूंकि भारत की बेटी विनेश फोगाट गोल्ड मैच से पहले 100 ग्राम ज्यादा वेट के चलते अयोग्य घोषित हो चुकी थीं. इसलिए अमन और भारतीय कोच जगमंदर सिंह और वीरेंद्र दहिया के सामने वजन कम करने बड़ी चुनौती थी. कोच वीरेंद्र दहिया ने खुद स्वीकार किया है कि यह एक मिश के जैसा था, क्योंकि विनेश फोगाट  के साथ जो हुआ उसके बाद हम दूसरा बड़ा झटका बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं थे.

मैच के ठीक एक दिन पहले वाली रात. यानी 9 अगस्त को दिन में मैच था, इससे पहले की रात अमन रात भर जागे. खूब मेहनत की. कोच ने भी जी जान लगा दी. कोई सोया तक नहीं. नतीजा रहा कि महज 10 घंटों में अमन ने 4.6 किलोग्राम वजन घटा लिया. इसके बाद वो रिंग में उतरे और सिल्वर जीतकर छा गए.

आखिर कैसे अमन ने 4.6 किलो वजन घटाने में सफलता हासिल की?

सबसे पहले क्या किया?

ब्रॉन्ज मेडल मैच से पहले की रात अमन के लिए कठिन थी. सामने बड़ी चुनौती थी. वक्त कम था. इसलिए अमन ने देर ना करते हुए मेहनत करना शुरू किया. अमन ने रात में डेढ़ घंटे का मैट सेशन किया. इसमें कोच ने खड़े होकर कुश्ती करवाई और उसके बाद एक घंटे गर्म पानी से नहलाया गया.

रात 12 बजकर 30 मिनट पर दौड़े

रात के 12:30 बज रहे थे. अब बारी थी जिम में ट्रेडमिल पुर दौड़ने की. अमन ने पर एक घंटे तक बिना रुके दौड़ लगाई. पसीना बहाया तो वजन कम हुआ. ट्रेडमिल पर रनिंग के बाद अमन को 30 मिनट का ब्रेक मिला. फिर वो उठ खड़े हुए और 5-5 मिनट के सौना बाथ के 5 सेशन हुए. इससे भी वजन कम हुआ.

अभी भी मिशन अधूरा था, क्योंकि आखिरी सेशन के बाद अमन का वजन 900 ग्राम ज्यादा था, इसलिए फिर उन्हें मसाज दी गई. कोच ने हल्की जॉगिंग करने को कहा गया. इसके बाद 15-15 मिनट के 5 रनिंग सेशन भी हुई. इसके बाद जब वजन चेक किया गया तो सबने राहत की सांस ली.

सुबह 4:30 बजे तक अमन का वजन 56.9 किलोग्राम हो गया था, जो 57 kg से 100 ग्राम कम था. इसलिए कोच और अमन का चेहरा खिल गया. सेशन के बीच में अमन को नींबू और शहद के साथ गुनगुना पानी और थोड़ी-सी कॉफी पीने को दी गई, इस तरह अमन की नींद दूर हो गई. वो तरोताजा रहे.

कोच बोले- कोई सो नहीं पाया, मिशन ही ऐसा था

कोच रवि दहिया ने खुलासा किया है कि उन्होंने  रात भर कुश्ती के वीडियो देखे. हर घंटे अमन का वजन चेक किया. यह मिशन ऐसा था, जिसमें कोई सो नहीं पाया. फिर दिन में अमन ने सबकी मेहनत को ध्यान में रखते हुए कुश्ती लड़ी और सिल्वर जीतकर लौटे.  कोच रवि दहिया कहते हैं कि ‘वजन कम करना हमारे लिए नियमित है, लेकिन विनेश के साथ जो हुआ उसके कारण बहुत तनाव भी था, क्योंकि हम एक और पदक से चूक नहीं सकते थे.