Patanjali COVID Drug Case : दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार (29 जुलाई) को पतंजलि और बाबा रामदेव के खिलाफ कई डॉक्टर्स एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका पर अपना फैसला सुनाया. जस्टिस अनूप भंभानी की बेंच ने बाबा रामदेव को 3 दिन के अंदर अपनी टिप्पणी वापस लेने का आदेश दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि पतंजलि आयुर्वेद की कोरोनिल सिर्फ इम्युनिटी बूस्टर नहीं बल्कि कोविड-19 को ठीक करने की दवा है.
जस्टिस भंभानी ने कहा, “मैंने पतंजलि, बाबा रामदेव और उनके प्रमोटरों को 3 दिन के अंदर कुछ ट्वीट हटाने का निर्देश दिया है. अगर वे ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो सोशल मीडिया मध्यस्थ इन ट्वीट को हटा देंगे.”
दरअसल, कोरोना महामारी के दौरान बाबा रामदेव ने कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद की कोरोनिल सिर्फ इम्युनिटी बूस्टर नहीं बल्कि कोविड-19 को ठीक करने की दवा है. इसको लेकर डॉक्टरों के संगठन ने बाबा रामदेव, उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ 2021 में यह याचिका दायर की थी.
डॉक्टरों ने पतंजलि के दावे के संबंध में कोरोनिल से जुड़े बयानों को अलग-अलग मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने के लिए अंतरिम राहत मांगी थी. हाईकोर्ट ने 21 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने लगाया 4.5 करोड़ रुपये का जुर्माना
दूसरी ओर, बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज कपूर उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने वाले अंतरिम आदेश का उल्लंघन करने पर पतंजलि आयुर्वेद पर 4.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया.
हाईकोर्ट ने 30 अगस्त 2023 को पतंजलि को कपूर उत्पाद बेचने से रोक दिया था. हलफनामे में पतंजलि ने बिना शर्त माफी मांगी है. उन्होंने मांग की और कहा कि कोर्ट के आदेशों का पालन किया जाएगा.
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