Patanjali Misleading Ads Case: सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि के विवादित विज्ञापन मामले में बाबा रामदेव और बालकृष्ण की दूसरी माफी भी खारिज कर दी. जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानतुल्ला की बेंच ने पतंजलि के वकील विपिन सांघी और मुकुल रोहतगी से कहा कि आपने जानबूझकर कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है, कार्रवाई के लिए तैयार रहें.
उत्तराखंड सरकार की ओर से ध्रुव मेहता और वंशजा शुक्ला ने हलफनामा पढ़ा.सुप्रीम कोर्ट ने कहा- केंद्र से चिट्ठी आती है कि आपके पास केस है. कानून का पालन करें. ऐसा 6 बार हुआ. बार-बार लाइसेंसिंग इंस्पेक्टर चुप्पी साधे रहे. इसके बाद जो लोग आये उन्होंने भी यही किया. तीनों अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाना चाहिए. मामले की अगली सुनवाई 16 अप्रैल को होगी.
इससे पहले 2 अप्रैल को इसी बेंच में हुई सुनवाई के दौरान पतंजलि की ओर से माफी मांगी गई थी. उस दिन भी पीठ ने पतंजलि को फटकार लगाते हुए कहा था कि यह माफी सिर्फ खानापूर्ति के लिए है. आपके अंदर क्षमा की भावना नहीं है. इसके बाद कोर्ट ने 10 अप्रैल को सुनवाई की तारीख तय की थी.
सुनवाई से ठीक एक दिन पहले 9 अप्रैल को बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने नया हलफनामा दाखिल किया. जिसमें पतंजलि ने बिना शर्त माफी मांगी और कहा कि उन्हें अपनी इस गलती का अफसोस है और ऐसा दोबारा नहीं होगा.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पतंजलि के खिलाफ की याचिका दायर
सुप्रीम कोर्ट 17 अगस्त, 2022 को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है.इसमें कहा गया है कि पतंजलि ने कोविड टीकाकरण और एलोपैथी के खिलाफ नकारात्मक प्रचार किया.साथ ही उन्होंने कुछ बीमारियों को अपनी आयुर्वेदिक दवाओं से ठीक करने का झूठा दावा भी किया.
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