रायपुर। हमारे समय में कोई करियर गाइडेंस नहीं था. परिवार में भी कोई पढ़ाई को लेकर बताने वाला नहीं था. हम अपनी सोच से आगे पढ़ाई करते गए. आजकल बच्चों के पास करियर गाइडेंस की सुविधा है. आज बच्चों के पास करियर गाइडेंस की सुविधा है. पालकों को बच्चों पर छोड़ देना चाहिए कि वे आगे क्या पढ़ना चाहते हैं. यह बात डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने राजधानी में NEWS 24 MP-CG और LALLURAM.COM की ओर से आयोजित शिक्षा और स्वास्थ्य पर पाठशाला कार्यक्रम में कही.
कार्यक्रम में सलाहकार संपादक संदीप अखिल से चर्चा में डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि रोजगार मूलक पढ़ाई हो, गुणवत्तामूलक पढ़ाई हो. कोरोना काल में सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों की पढ़ाई का हुआ है. हमारे टीचर और बच्चों ने ‘पढ़ई तुम्हर द्वार’ के जरिए पढ़ाई की. कोरोना काल के बाद पहली बार आयोजित ऑफलाइन परीक्षा में 10वीं और 12वीं कक्षा का अच्छा परिणाम आया है.
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जिन बच्चों के पालकों का निधन हो गया है, ऐसे बच्चों के लिए सरकार ने महतारी दुलार योजना शुरू की है. इसमें आठवीं तक पढ़ाने करने वाले बच्चों को 500 रुपए और 9वीं 12वीं तक की पढ़ाई करने वाले बच्चों को एक हजार रुपए प्रति महीना छात्तवृत्ति दी जा रही है. यही नहीं अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में 400 बच्चों का एडमिशन कराया गया है. आगे भी इस दिशा में काम किया जाएगा. बच्चे ऐसा मत सोचे कि उनका कोई नहीं है, सरकार उनकी मदद करेगी.
फोर कॉर्नर्स मल्टीमीडिया प्राइवेट लिमिटेड के तत्वावधान में हुए कार्यक्रम में सैय्यद नवाज फाजिल, सीएमएचओ डॉ मीरा बघेल, चाइल्ड फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. चानन गोयल, भिलाई इंस्टीट्यूट ऑफ रायपुर से आरके मिश्रा, अपोलो क्लिनिक से डॉ. अनिमेष चौधरी, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के जनरल मैनेजर विजय कुमार अग्रवाल मौजूद थे.
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