नई दिल्ली। दिल्ली के लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल में दिवाली के बाद प्रदूषण के कारण सांस की समस्या से जूझ रहे मरीजों की संख्या में 8 से 10 फीसदी की वृद्धि देखी गई है. डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि उनके पास हर रोज 10-12 मरीज सांस लेने में तकलीफ के साथ अस्पताल आते हैं. उन्होंने कहा कि दिवाली के बाद वायु प्रदूषण एक प्रमुख मुद्दा बन गया है. बुजुर्ग लोग और बच्चे प्रदूषण के मुख्य शिकार हैं. लंबे समय तक उच्च पीएम 2.5 के स्तर के संपर्क में रहने से फेफड़ों की काम करने की क्षमता कमजोर हो जाती है.

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दिल्ली में रविवार को हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ और यह शनिवार के ‘गंभीर’ से ‘बेहद खराब श्रेणी’ में पहुंच गई. पूवार्नुमान के अनुसार, एक्यूआई कम से कम मंगलवार तक बहुत खराब श्रेणी में बना रहेगा. प्रदूषण के कारण सांस और अन्य समस्याओं के बारे में डॉ. कुमार ने कहा कि उनके पास 120 रोगियों की क्षमता है, लेकिन दिवाली के बाद प्रदूषण से संबंधित बीमारियों के प्रकोप के कारण उन्हें अस्पताल में हर दिन लगभग 140 रोगी मिल रहे हैं.

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डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि इमरजेंसी और ओपीडी वार्डों में कुल 140 मरीज आ रहे हैं, जिनमें सभी तरह की समस्याएं हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर सांस और ऑक्सीजन के स्तर में कमी से पीड़ित हैं. इसमें बच्चों में अस्थमा के मामलों की बढ़ती संख्या भी शामिल है. निवारक उपायों के बारे में उन्होंने कहा कि केवल दो चीजें मास्क का उपयोग और बाहर कदम रखने से बचना प्रदूषण के ऐसे बढ़ते स्तर से लोगों की रक्षा कर सकता है. उन्होंने कहा कि इस समय पीएम 2.5 कणों के उच्च स्तर से फेफड़ों में संक्रमण, आंखों में जलन और सांस की समस्या हो सकती है.