मनेंन्द्र पटेल, दुर्ग. संविदा कर्मचारियों की हड़ताल सरकारी सिस्टम के लिए मुसीबत बनकर उभरी है. हड़ताल की वजह से अस्पताल में कर्मचारियों की कमी मरीजों की मुश्किलें बढ़ा रहा है. स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति बदहाल होती जा रही है. मौसमी बीमारी एवं अन्य गंभीर मरीजों को भटकना पड़ रहा है. दरअसल, दुर्ग जिले के नियमित और संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दिया है. वहीं आज नियमितिकरण की मांग को लेकर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने भी मोर्चा खोल दिया है. संविदा कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर बारिश में भीगते हुए सड़कों पर प्रदर्शन किया.

दुर्ग जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्थिति बदहाल होती जा रही है. इसके अलावा जिला अस्पताल लाल बहादुर शास्त्री सुपेला अस्पताल में भी स्टाफ नर्स और स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी के कारण मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीज बिना इलाज के ही वापस लौट रहे हैं.

संविदा कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के वजह से भी स्थित बदहाल होती जा जा रही है. नियमित स्वास्थ्य कर्मचारी 3 दिनों से हड़ताल पर हैं. स्वास्थ्य कर्मचारियों का कहना है कि, उनकी 24 सूत्रीय मांगों को सरकार जब तक पूरा नहीं करेगी तब तक वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे. उनकी प्रमुख मांगों में 13 माह का वेतन, सभी वर्गों के वेतन विसंगति, कोरोन काल के दौरान मृत्यु होने वाले कर्मचारियों कें परिजनों को अनुकम्पा जोखिम भत्ता और 2016 से महंगाई भत्ता, समेत 24 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है.

प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों ने लोगों को होने वाली तकलीफ के लिए खेद जाहिर करते हुए कहा कि, प्रदेश भर में 67 हजार कर्मचारी हड़ताल पर हैं. इससे पहले एक दो दिनों के हड़ताल करने से सरकार ने उनकी मांगें नहीं सुनी. जिसके बाद अब उन्हें अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठना पड़ा.

वहीं लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल के प्रभारी डॉक्टर स्वामी देव ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी के कारण कई विभागों में सेवाएं कम कर दी गई है. ओपीडी फिलहाल बंद रखा गया है, लेकिन किसी प्रकार के आपातकालीन स्थिति के लिए हम तैयार हैं.

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