कुंदन कुमार/ पटना। बिहार की राजधानी पटना में हाल ही में हुए चर्चित उद्योगपति गोपाल खेमका (gopal khemka patna kaun hai) की हत्या के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। पटना के गांधी मैदान थाना क्षेत्र से महज कुछ मीटर की दूरी पर बीते गुरुवार देर रात बाइक सवार अपराधियों ने कारोबारी गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना ने न सिर्फ राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि राजनीतिक बयानबाजी भी तेज कर दी है।

शोक संवेदना व्यक्त की

रविवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी खेमका के आवास पर पहुंचे और परिजनों से मुलाकात कर शोक संवेदना व्यक्त की। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि गोपाल खेमका की हत्या सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है और अपराधियों की धरपकड़ के लिए पुलिस पूरी ताकत से जुट गई है। सम्राट चौधरी ने भरोसा दिलाया कि, चाहे अपराधी पाताल में भी छिपे हों, उन्हें ढूंढ निकाला जाएगा और सख्त सजा दिलाई जाएगी।

सुरक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी

उन्होंने आगे कहा कि,बिहार के उद्योगपतियों को सुरक्षा देना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है और हर संभव कदम उठाया जाएगा ताकि कारोबारी वर्ग को विश्वास मिल सके।

राजनीतिक बयानबाजी तेज

वहीं इस मामले को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। राज्यसभा सांसद और बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने खेमका के घर पहुंचकर अंतिम दर्शन किया और इसके बाद बिहार सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में पटना में 116 हत्याएं हुई हैं और पूरे बिहार में अपराध 300 गुना बढ़ा है। एनडीए सरकार जिस ‘जंगल राज’ का हवाला देती है, वही हालात आज उनके शासन में बन चुके हैं।

बिहार की व्यवस्था की हत्या है

सिंह ने कहा कि यह घटना सिर्फ हत्या नहीं, बल्कि बिहार की व्यवस्था की हत्या है। घटना गांधी मैदान थाना, जिलाधिकारी आवास और पटना एसपी कार्यालय से चंद मीटर की दूरी पर हुई है, यह बेहद शर्मनाक और दुखद है। उन्होंने मांग की कि इस विषय पर बिहार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए और राज्यपाल से भी इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की है। सांसद ने बताया कि उन्होंने यह मामला एआईसीसी बैठक में भी उठाया है और सरकार को इस घटना को हल्के में नहीं लेने की चेतावनी दी है।

पूरा परिवार मर्माहत है

गोपाल खेमका सिर्फ एक सफल उद्योगपति ही नहीं, बल्कि एक संवेदनशील समाजसेवी भी थे। यह उनके परिवार में दूसरी बार ऐसी त्रासदी घटी है, जिससे पूरा परिवार मर्माहत है। घटना के बाद पूरे प्रदेश में कारोबारी और समाजसेवी वर्ग में भय और आक्रोश का माहौल है। अब देखना यह है कि पुलिस की जांच कितनी प्रभावी होती है और क्या सरकार अपराधियों को वाकई पाताल से भी निकालकर सजा दिला पाती है, या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा।