आशुतोष तिवारी, जगदलपुर. बस्तर का ऐतिहासिक लालबाग मैदान इन दिनों मिनी भारत का रूप ले चुका है। यहां चल रहे स्वदेशी मेले में देश के 22 राज्यों के उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं। यह मेला 4 अक्टूबर से शुरू हुआ था और जबरदस्त उत्साह को देखते हुए इसकी अवधि 8 से बढ़ाकर अब 10 अक्टूबर तक कर दी गई है। हर रोज देशभर से आए कलाकार मंच पर अपने हुनर का जलवा बिखेर रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं इंडियन आइडल 2020-21 के विजेता पवनदीप राजन, जो मंच पर पहुंचे तो उन्हें सुनने के लिए लालबाग मैदान में हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी। लल्लूराम डॉट काॅम से खास बातचीत में पवनदीप ने बस्तर और यहां के बदलाव की सराहना की।
पवनदीप ने कहा, कभी बस्तर को नक्सल प्रभावित इलाका कहा जाता था, जहां बारुद और गोलियों की आवाज सुनाई देती थी, लेकिन अब यहां शांति और संगीत का माहौल है। संगीत वो चीज है जो सबको जोड़ता है और यही बस्तर में दिख रहा है। स्वदेशी मेला को लेकर उन्होंने कहा कि हमें अपने देशी उत्पाद और अपने संगीत को बढ़ावा देना चाहिए। यह हमारा देश है, हमें अपने म्यूजिक को अपनाना और फैलाना चाहिए।


प्रैक्टिस बोझ नहीं मजा लगने लगे तब मिलती है असली सफलता
कुछ समय पहले हुए अपने एक्सीडेंट को याद करते हुए पवनदीप ने कहा, जब हादसा हुआ तो पैर टूट गया था, लेकिन मैं जानता था कि ठीक हो जाऊंगा। जिंदा हूं तो काम करना ही है। मेरा लक्ष्य बस संगीत से लोगों को जोड़ना है। युवाओं को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा, स्पोर्ट्स हो, म्यूजिक हो या पढ़ाई, जब प्रैक्टिस बोझ नहीं मजा लगने लगे तब असली सफलता मिलती है। बस्तर का यह स्वदेशी मेला अब सिर्फ व्यापार का मंच नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक उत्सव बन गया है, जहां हुनर, संगीत और स्वदेशी भावना का संगम देखने को मिल रहा है।