Paytm Share Price : भारत की दिग्गज फिनटेक कंपनी Paytm की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. शेयर बाजार में लिस्टिंग के बाद पहली बार पेटीएम के शेयर पिछले 10 दिनों से लगातार कमजोरी का सामना कर रहे हैं. पेटीएम का मार्केट कैप घटकर 20,170 करोड़ रुपये हो गया है. पिछले 5 दिनों में इसके शेयरों में 15 फीसदी की कमजोरी देखी गई है.
पिछले एक महीने में पेटीएम के शेयर 22 फीसदी तक कमजोर हुए हैं. पिछले महीने 9 अप्रैल को पेटीएम के शेयर 404 रुपये के स्तर पर थे, जो अब 317 रुपये के स्तर पर आ गए हैं. यह भी पेटीएम के शेयरों का 52 सप्ताह का निचला स्तर है.
पेटीएम के शेयरों का 52 हफ्तों का उच्चतम स्तर 998 रुपये है. पिछले 6 महीनों में पेटीएम के शेयरों में 65 फीसदी की कमजोरी देखी गई है और 9 नवंबर 2023 को 894 रुपये के स्तर से अब ये 317 रुपये के स्तर पर काम कर रहे हैं.
फरवरी से बिक्री शुरू हुई
फरवरी की शुरुआत में पेटीएम के शेयरों में जो बिकवाली शुरू हुई वह थमने का नाम नहीं ले रही है. पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशन के शेयरों में बुधवार को लगातार दसवें दिन गिरावट आई है. नवंबर 2021 में स्टॉक मार्केट लिस्टिंग के बाद से पेटीएम के शेयरों में यह सबसे बड़ी गिरावट है.
पेटीएम ने आदित्य बिड़ला फाइनेंस के साथ लैंडिंग पार्टनरशिप की है. ऐसा कहा जा रहा है कि ग्राहकों द्वारा पुनर्भुगतान में चूक से संबंधित मामले सामने आने के बाद आदित्य बिड़ला फाइनेंस ने फिनटेक फर्म की ऋण गारंटी योजना को जांच के दायरे में डाल दिया है. इस बीच, पीरामल फाइनेंस और क्लिक्स कैपिटल ने पेटीएम के साथ अपनी साझेदारी खत्म कर दी है. उनका कहना है कि पेटीएम के लोन कारोबार में कई चुनौतियां हैं.
Unsecured लोन पर RBI की सख्ती
भारतीय रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट बैंक पर प्रतिबंध लगा दिया था, इसके साथ ही असुरक्षित ऋण देने के नियम भी सख्त कर दिए गए हैं. इस मामले से जुड़े एक शख्स ने बताया कि आदित्य बिड़ला फाइनेंस ने पेटीएम में बड़ा निवेश करने का फैसला किया है. इससे कंपनी के वित्तीय संसाधनों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
इस संबंध में पेटीएम ने कहा है कि वह उसके लोन देने के कारोबार से जुड़ी जो भी अफवाहें बाजार में चल रही हैं, उस पर वह कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता है. पेटीएम ने कहा है कि उसने अपने कई साझेदारों के साथ ऋण देने का कारोबार फिर से शुरू कर दिया है और नए ऋण भागीदार बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. पेटीएम ने ऋणदाताओं को पहली अंतिम डिफ़ॉल्ट गारंटी भी प्रदान नहीं की है. पेटीएम ने कहा है कि उसकी भूमिका सिर्फ एक वितरक की है.
बड़े नेताओं के नौकरी छोड़ने से परेशानी
पेटीएम के शेयरों में कमजोरी की एक और बड़ी वजह इसके प्रेसिडेंट और सीईओ का इस्तीफा है. पेटीएम के कई लीडर्स ने कुछ समय के लिए कंपनी छोड़ दी है. Paytm की समस्या का एक बड़ा कारण UPI इकोसिस्टम में उसकी घटती हिस्सेदारी है.
अप्रैल में लगातार तीसरे महीने पेटीएम के यूपीआई लेनदेन की संख्या और मात्रा में गिरावट आई. IPO प्राइस के चलते Paytm के शेयर 85 फीसदी तक कमजोर हो गए हैं, विदेशी निवेशक भी लगातार Paytm में अपनी हिस्सेदारी कम कर रहे हैं.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक