रायपुर. टीएस सिंहदेव ने सीएस को आज पत्र लिखा है. सिंहदेव ने पत्र में राज्य में किसानों को अनुदान के नाम पर किये गए घोटाले की जाँच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग रखी है. पत्र के साथ ही घोटाले संबंधी दस्तावेज संलग्न कर सीएस से जल्द कार्रवाई करने मांग की गई है. पत्र में बताया गया है कि प्रदेश में वर्ष 2016 17 में कृषि विभाग की योजनाओं के तहत किसानों को कृषि यंत्रों पर मिलने वाले अनुदान राशि के वितरण में विभागीय अधिकारियों एवं सामग्री प्रदायककर्ता फर्मों की मिलीभगत से करोड़ों रुपए का आर्थिक घोटाला किया गया है.

पत्र में आगे कहा गया है कि प्रथम दृष्टया कांकेर एवं बिलासपुर जिलों के मामले में थर्ड पार्टी भौतिक सत्यापन से इस घोटाले की पुष्टि हो चुकी है. भौतिक सत्यापन में यह तथ्य सामने आए हैं कि दोनों जिलों में लाभान्वित किसानों की कुल संख्या 3239 लगभग में से 2152 किसानों को योजना का लाभ मिला ही नहीं है. अर्थात उनके नाम से अनुदान राशि आहरित कर हड़प ली गई है. जो कि लगभग 50 करोड़ रुपए है. राज्य के अन्य जिलों में भी निश्चित रूप से किसानों के नाम से फर्जी तरीके से अनुदान राशि का आहरण की जाने कितनी संभावनाएं हैं जिससे यह घोटाला बढ़कर कई सौ करोड़ तक पहुंच सकता है.

उल्लेखनीय है कि कृषि विभाग में हुए इस प्रदेशव्यापी घोटाले से जहां राज्य शासन को करोड़ों रुपए की क्षति पहुंचाई गई है. वही हितग्राही किसानों को उनके अधिकार से वंचित किया गया है. जिन किसानों के नाम से फर्जी तरीके से अनुदान राशि निकाली गई है. उन किसानों को विभाग की योजनाओं का लाभ आगामी 5 वर्षों तक नहीं मिल सकेगा. विभाग द्वारा किसानों के लिए संचालित योजनाओं में किए गए व्यापक आर्थिक घोटाले से जहां शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन पर प्रश्नचिन्ह उठता है.

वही प्रभावित किसान आंदोलित है. करोड़ों रुपए के शासकीय धनराशि के फर्जीवाड़े को प्रशासनिक मुखिया होने के नाते तत्काल अपने संज्ञान में लेकर समस्त जिलों में योजनाओं की सूक्ष्मता से जांच कराई जावे.इस में संलिप्त दोषी अधिकारियों की जवाबदेही तय करते हुए उनसे राशि की वसूली सहित नियमानुसार विधिसम्मत कार्रवाई हो एवं जिन किसानों का नाम योजना के तहत फर्जी तरीके से अनुदान की राशि हड़पने के लिए इस्तेमाल किया गया है. उसे तत्काल सूची से हटाया जाए ताकि उन किसानों द्वारा वास्तविक रूप से योजना का लाभ प्राप्त कर सकें.