Pen Cap Removed From Lung: दिल्ली में एक ऐसा मेडिकल केस सामने आया है जिसने डॉक्टरों को भी हैरान कर दिया. एक शख्स के फेफड़े से 26 साल पुराना पेन का ढक्कन (पेन कैप) निकाला गया. यह मामला न सिर्फ दुर्लभ है बल्कि यह भी दिखाता है कि छोटी-सी लापरवाही कितनी बड़ी समस्या में बदल सकती है.

बचपन में निगल लिया था पेन कैप

जानकारी के मुताबिक़, दिल्ली के एक 33 वर्षीय शख़्स ने बचपन में, जब वह सिर्फ 7 साल का था, खेलते-खेलते गलती से पेन का ढक्कन निगल लिया. उस समय परिवार को इसका अंदाज़ा तक नहीं हुआ. बच्चा बिना किसी गंभीर परेशानी के बड़ा होता गया और सामान्य ज़िंदगी जीता रहा.

सालों तक कोई बड़ी समस्या नहीं हुई

आमतौर पर जब कोई वस्तु फेफड़े में चली जाती है तो तुरंत सांस लेने में तकलीफ़, तेज खांसी या संक्रमण जैसी समस्याएं होने लगती हैं. लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ. यही वजह रही कि 26 साल तक पेन कैप फेफड़े में फंसा रहा और मरीज को इसकी भनक तक नहीं लगी.

अचानक बिगड़ी सेहत

हाल ही में मरीज को लगातार खांसी होने लगी. कई बार खांसते वक्त हल्का खून भी आने लगा. परेशान होकर वह दिल्ली के सिर गंगा राम अस्पताल पहुंचा. यहां जब उसकी जांच की गई तो डॉक्टर भी चौंक गए. एक्स-रे और सीटी स्कैन में साफ दिखा कि मरीज के दाहिने फेफड़े में कोई प्लास्टिक जैसा पदार्थ अटका हुआ है.

डॉक्टरों ने किया जटिल ऑपरेशन

इस केस को थोरैसिक सर्जरी विभाग को रेफ़र किया गया. टीम का नेतृत्व कर रहे थे डॉ. सव्यसाची बाल (चेयरपर्सन, थोरैसिक सर्जरी) और उनके साथ थे डॉ. रोमन दूत्ता (कंसल्टेंट). डॉक्टरों ने जटिल लेकिन बेहद सावधानी से ऑपरेशन किया. ऑपरेशन के दौरान उन्होंने मरीज के फेफड़े से 26 साल पुराना पेन कैप निकाल लिया. डॉक्टरों के मुताबिक यह उनके करियर का सबसे दुर्लभ केस था.

डॉक्टरों की प्रतिक्रिया

डॉ. सव्यसाची बाल ने बताया – “यह वास्तव में आश्चर्यजनक है कि कोई विदेशी वस्तु इतने लंबे समय तक फेफड़े में रही और मरीज सामान्य जीवन जीता रहा. आमतौर पर ऐसे मामलों में बार-बार संक्रमण, फेफड़े में सूजन या गंभीर जटिलताएं हो जाती हैं.” उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले बच्चों में अक्सर देखे जाते हैं, लेकिन इतने लंबे समय बाद किसी वस्तु का निकलना बेहद असाधारण है.

मरीज की हालत अब स्थिर

ऑपरेशन सफल रहा और मरीज अब पूरी तरह सुरक्षित है. डॉक्टरों का कहना है कि आने वाले दिनों में वह सामान्य ज़िंदगी जी सकेगा और किसी बड़ी परेशानी का खतरा नहीं रहेगा.

क्यों जरूरी है सावधानी?

डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि छोटे बच्चों पर हमेशा नज़र रखनी चाहिए. अगर बच्चा अचानक तेज खाँसने लगे, सांस लेने में दिक़्क़त हो या कोई छोटी वस्तु निगल जाए तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए. समय रहते इलाज न करने पर यह ज़िंदगी के लिए खतरा बन सकता है.

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