पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. अतिक्रमण के आरोप में जेल में बदं आदिवासी की मौत के बाद आदिवासी समाज में भारी गुस्सा है. समाज के लोगों ने नेशनल हाइवे जाम कर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने वन अफसर कर्मी को निलंबित कर मृतक के परिवार को एक करोड़ मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं. आदिवासियों ने वन अधिकारियों का पुतला भी फूंका.

बता दें कि 29 अगस्त को गरियाबंद वन मंडल ने गरियाबंद रेंज के झीतरी डूमर निवासी भोजराम को अतिक्रमण के आरोप में गरियाबंद उप जेल दाखिल कराया था. आरोपी की तबीयत जेल दाखिले के अगले दिन ही बिगड़ गयी थी. वहीँ हालत बिगड़ते देख उसका इलाज शुरू कर दिया गया था और उसे बेहतर इलाज के लिए मेकाहारा रायपुर भेज दिया गया था. इलाज के दरम्यान आज उसकी मौत हो गई. मौत के बाद आक्रोशित आदिवासी समाज आज गरियाबंद के तिरंगा चौक में एकत्रित होकर नेशनल हाइवे को जाम कर दिया. समाज के लोग वन विभाग के खिलाफ जम कर नारेबाजी भी कर रहे हैं.

समाज के नेता लोकेश्वरी नेताम ने कहा की पेशा कानून लागू होने के बावजूद प्रशासन से आदिवासी बार बार प्रताड़ित हो रहे हैं. मृतक परिवार को वन अमला एक साल से परेशान कर रही है. उसकी खड़ी फसल में कीटनाशक डाल दिया जाता था. आज उसकी मौत के बाद वन विभाग का कलेजा शांत हुआ होगा. लोकेश्वरी नेताम ने कहा कि पीड़ित परिवार को एक करोड़ की मुआवजा व दोषी अफसरों को निलंबित नही करते तक प्रदर्शन जारी रहेगा.

मृतक के पिता चमरू राम ने कहा कार्यवाही के दिन से बेटा बीमार था. बार बार आग्रह के बावजुद वन विभाग जबरिया उठा कर जेल भेज दिया. इलाज कराने बार बार गुहार किया जा रहा था. विभाग ने एक नहीं सुनी. आज बेटे की मौत हो गई.
इस घटना के बाद मौके पर गरियाबंद अनुविभाग के पुलिस प्रशासन मौजूद है. भारी संख्या में पुलिस बोल तैनात हैं. अफसर अक्रोषित समाज के लोगो को मान मनवाल करने में जुटी है.

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