कुमार इंदर, जबलपुर। एमपी में नई शराब नीति ( new liquor policy) को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट ( Jabalpur High Court) में याचिका दाखिल की गई है। याचिका में शराब नीति में किए गए बदलाव को लेकर आपत्ति जताते हुए दुकानों और मॉल में शराब बेचने का विरोध किया गया है। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने नई शराब नीति के खिलाफ याचिका लगाई है।
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए कहा कि हम दुकानों और मॉल में शराब बेचने का विरोध करते हैं। नई शराब नीति से मध्यप्रदेश में शराबखोरी को बढ़ावा मिलेगा। शिवराज सरकार इस नीति के माध्यम से अब घर-घर शराब पहुंचाने की तैयारी कर रही है।
जानिए नई शराब नीति में नया क्या है
बता दें कि शिवराज सरकार ने 18 जनवरी को नई शराब नीति की घोषणा की थी। नई शराब नीति अप्रैल 2022 से लागू हो जाएगी। नई नीति के लागू होने से प्रदेश में शराब सस्ती होगी। वहीं नई आबकारी नीति में अंगूर के अलावा जामुन से भी शराब बनाने की अनुमति दी जाएगी। वहीं विदेशी शराब सस्ती होगी। कैबिनेट ने घर पर शराब रखने की सीमा भी बढ़ा दी है। अब लोग पहले के मुकाबले 4 गुना ज्यादा शराब घर पर रख सकेंगे। इसके अलावा जिस शख्स की सालाना आय 1 करोड़ रु है, वो घर पर बार भी खोल सकेगा।
देशी-विदेशी शराब की दुकानें अलग-अलग नहीं होंगी
नई आबकारी नीति में प्रावधान किया गया है कि अब से देशी और अंग्रेजी शराब की बिक्री एक ही दुकान से होगी। प्रदेश में 11 डिस्टलरी के जिलों में सप्लाई के लिए टेंडर जारी नहीं होंगे। ऐसे में सभी 11 डिस्टलरी को सभी संभागों में विदेशी शराब की तरह ही गोदामों में शराब रखना होगी। वहां से ठेकेदार शराब की क्वालिटी और कीमत का अध्ययन कर शराब अपनी दुकानों के लिए खरीदेंगे।
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