रायपुर। आम लोगों के लिए राहत भरी खबर है. दरअसल पेट्रोल पंप डीलरों ने 13 अक्टूबर को एकदिवसीय देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया था, जिसे उन्होंने वापस ले लिया. अगर हड़ताल होती, तो देशभर के करीब 54 हजार पेट्रोल पंप बंद रहते. इससे आम लोग तो परेशान होते ही, साथ ही जरूरी सेवाएं भी बाधित होतीं.
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से बातचीत के बाद पेट्रोल पंप डीलरों ने हड़ताल वापस ले ली. यूनाइटेड पेट्रोलियम फ्रंट ने बेहतर मार्जिन, पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने, ट्रांसपोर्टेशन, और विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने का फैसला किया था. यूपीएफ ने 2016 में तेल मार्केटिंग कंपनियों के साथ किए गए करार को भी लागू करने की मांग की है.

तेल कंपनियों ने दी थी सख्त चेतावनी

पेट्रोल पंप डीलरों के प्रस्तावित हड़ताल को लेकर सरकारी तेल कंपनियों ने भी सख्त रवैया अपना लिया था. उन्होंने कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने की चेतावनी दी थी.

पेट्रोल पंप डीलर्स ने नई मार्केटिंग गाइडलाइंस के खिलाफ भी हड़ताल का ऐलान किया था. नई गाइडलाइन के तहत उपभोक्ताओं को कम मात्रा में पेट्रोल-डीजल दिए जाने पर या फिर कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन नहीं दिए जाने पर पेट्रोल पंप संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है.