रायपुर. फाल्‍गुन माह की द्वितीया को मनाई जाने वाली फुलेरा दूज, होली आगमन का प्रतीक मानी जाती है. फुलेरा दूज के बाद से ही होली की तैयारियां शुरू कर दीं जातीं हैं. कुछ लोग इसे होली रखने वाले दिन के रूप में भी जानते हैं. इस त्यौहार से गुलरियाँ बनाने का कार्य शुरू किया जाता हैं.

इस त्यौहार को फूलों से रंगोली बनाई जाती है और विशेष रूप से श्री राधाकृष्‍ण का फूलों से श्रृंगार करके उनकी पूजा की जाती है. ब्रजभूमि के श्री कृष्ण मंदिरों में इस त्यौहार का महत्व सर्वाधिक हैं. इस दिन मथुरा और वृंदावन में सभी मंदिरों को फूलों से सजाया जाता है और फूलों की होली खेली जाती है. भगवान कृष्ण के मंदिरों में भजन गाये एवं सुने जाते हैं.

ऐसी भी मान्यता है कि, फुलैरा दूज इस माह का सबसे शुभ दिन होता है और इस दिन किसी भी शुभ कार्य को किया जा सकता है. सर्दी के मौसम के बाद इसे विवाह का अंतिम शुभ दिन माना जाता है. इस दिन किसी भी मुहूर्त में शादी की जा सकती है.

फूलेरादुज को एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में मनाया जाता हैं, इसे दोषमुक्त दिन के रूप में पूजा जाता हैं. जैसे किसी भी महत्वपूर्ण कार्य के लिए शुभ मुहूर्त के हिसाब से दिन एवम समय का चुनाव किया जाता हैं, वैसे ही इस फूलेरादुज के पुरे दिन को शुभ माना जाता है. इस दिन किसी भी प्रकार के शुभ कार्य के लिए मुहूर्त नहीं देखा जाता. इस दिन के किसी भी समय में शुभ कार्य किया जा सकता है. खासतौर पर यह दिन विवाह के लिए शुभ माना जाता है. इस दिन किसी भी समय बिना मुहूर्त के विवाह की रस्मे निभाई जा सकती है.

इस दिन घर में भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है और अपने इष्ट देव को गुलाल चढ़ाया जाता है. यह गुलाल मस्तक, गाल एवम दाड़ी में लगाया जाता है. इस दिन मिष्ठान बनाया जाता हैं और अपने ईष्ट देव एवम कृष्णा को उसी का भोग लगाया जाता हैं. भगवान कृष्ण के मंदिर में भजन गाये एवम सुने जाते हैं. अगर कोई व्यक्ति नया कार्य शुरू करना चाहता हैं, तो यह दिन उस कार्य की शुरुवात के लिये सबसे उपयुक्त दिन माना जाता हैं.

यह दिन कृष्ण से प्रेम को व्यक्त करता हैं. इस दिन भगवान भी अपने भक्तो को उतना ही प्रेम देते हैं. इस दिन भक्तजन अपने आराध्य देव कृष्ण से भक्ति के माध्यम से जुड़ते हैं. इस दिन को उत्साह के रूप में मनाया जाता है. भगवान की कृपा का अभिवादन किया जाता है. यह दिन सभी तरफ प्रेम और खुशियाँ बिखेरता है. इस दिन को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए सबसे समृद्ध पाते हैं.