रायपुर। तीन किसान कानून वापस लेने की घोषणा को प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया ने उपचुनाव के नतीजे के चलते लिया गया फैसला करार दिया है, लेकिन ये कोशिश नाकाम है. वहीं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कहा कि देर से ही सही अगर प्रधानमंत्री को सद्बुद्धि आ गई. इसके अलावा किसान नेताओं ने भी फैसले पर खुशी जताई है.

प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया ने कृषि कानूनों को वापस लिए जाने को देशभर के किसान और विपक्ष की एकता की जीत करार दिया है. लेकिन किसानों की समस्या अभी खत्म नहीं हुई है. डीजल, उर्वरक, बीज, कीटनाशक की महंगाई अभी भी ज्वलंत मुद्दा है. उन्होंने कहा कि विरोध आंदोलन में 600 किसानों ने जान गंवाई, लेकिन पीएम मोदी ने उनके लिए एक शब्द नहीं कहा. पीड़ित परिवार वालों के प्रति संवेदना तो व्यक्त करते.

वहीं विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत ने कहा कि देर से ही सही अगर प्रधानमंत्री को सद्बुद्धि आ गई. देर से ही सही अगर कोई नेता राष्ट्रहित में जनता के हित में फैसला लेता है, तो उसे हम बधाई देते हैं. उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में लगभग 600 से अधिक लोगों की जान गई है. मैं यह नहीं कहता कि उसकी जवाबदार वह हैं, लेकिन यह निर्णय पहले भी हो सकता था. यह जरूर कह सकते हैं कि देर आए दुरुस्त आए.

तीन कृषि कानून वापस लिए जाने के फैसले पर बालोद में कांग्रेसियों ने जयस्तम्भ चौक पर पटाखे फोड़कर खुशी जताई.

किसान नेताओं ने किया स्वागत

केंद्रीय कृषि कानून वापसी पर छत्तीसगढ़ के किसान नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आने लगी है. छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के संयोजक राजकुमार गुप्ता ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि दुर्ग जिले के किसान भी दिल्ली गये थे. अब फैसला आने पर खुशी का माहौल है.

वहीं किसान नेता पारसनाथ साहू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा का स्वागत किया, लेकिन कहा कि आंदोलन अभी खत्म नहीं होगा. किसानों को अभी आधी जीत मिली है. संसद सत्र में कानून जब तक रद्द नहीं होगा तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा. एमएसपी की गारंटी का सरकार ऐलान करे.