Hindenburg Case: सुप्रीम कोर्ट ने अडाणी-हिंडनबर्ग मामले पर मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. यह याचिका वकील एमएल शर्मा ने दायर की थी. प्रधान न्यायाधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि हम मीडिया के खिलाफ कभी भी कोई निषेधाज्ञा जारी नहीं करने जा रहे हैं. जब शर्मा ने यह कहते हुए अपने अनुरोध को दोहराया कि मीडिया सनसनी पैदा कर रहा है, तो प्रधान न्यायाधीश ने दोहराया कि वाजिब बात कीजिए, मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाने की बात मत कीजिए.

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याचिकाकर्ता अधिवक्ता  शर्मा ने विशेष उल्लेख के दौरान पीठ के समक्ष कहा कि अमेरिकी शोध संस्था हिंडनबर्ग की अडानी समूह से संबंधित खबरों के प्रकाशन पर तब तक रोक लगाई जाए, जब तक अदालत इस मामले की जांच के लिए एक समिति गठित करने का आदेश नहीं दे देती है. याचिकाओं में दावा किया गया है कि हिंडनबर्ग ने शेयरों को शॉर्ट सेल किया, जिससे ‘निवेशकों को भारी नुकसान’ हुआ. इसमें ये भी कहा गया है कि रिपोर्ट ने देश की छवि को धूमिल किया है. यह अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा है. इसके साथ ही रिपोर्ट पर मीडिया प्रचार ने बाजारों को प्रभावित किया और हिंडनबर्ग के फाउंडर नाथन एंडरसन भी भारतीय नियामक सेबी को अपने दावों का प्रमाण देने में विफल रहे.

कई याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर रही पीठ

मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक नहीं लगाई जा सकती. प्रधान न्यायाधीश ने यह भी कहा कि पीठ इस विवाद में जल्द ही आदेश पारित करेगी. पिछले हफ्ते न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अगुआई वाली पीठ ने अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में भारतीय निवेशकों की सुरक्षा के लिए नियामक तंत्र की समीक्षा के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन पर सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. पीठ ने प्रस्तावित समिति में शामिल करने के लिए सीलबंद लिफाफे में केंद्र सरकार द्वारा सुझाए गए नामों को स्वीकार करने से भी इनकार कर दिया था. प्रधान न्यायाधीश की पीठ अडाणी मामले में कई याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर रही है, जिसमें दो याचिकाओं में हिंडनबर्ग के खिलाफ जांच के आदेश की मांग और दो याचिकाएं अदाणी ग्रुप के खिलाफ जांच के आदेश की मांग के लिए दायर है.

अडानी समूह ने बताया था साजिश

अमेरिकी रिसर्च एजेंसी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी समूह ने इसे एक साजिश बताया था. हालांकि जैसा रिपोर्ट में कहा गया था अब अडानी समूह उस ही दौर से गुजरता हुआ दिखाई दे रहा है. अडानी समूह के तीन शेयरों में इस एक महीने के भीतर भारी गिरावट दर्ज हुई है. इनमें अडानी टोटल गैस, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी ट्रांसमिशन शामिल हैं.

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