PM Narendra Modi 75th Birthday Special: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को अपने जीवन के 75 वर्ष पूरे करने जा रहे हैं। इस खास दिन को बीजेपी स्पेशल अंदाज में सेलिब्रेट करने वाली है। भाजपा 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक ‘सेवा पखवाड़ा’ मनाएगी, जिसकी थीम ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार’ रखी गई है। पीएम मोदी देश के ही नहीं बल्कि विश्व के लोकप्रिय नेताओं में शामिल हैं। उनका जीवन आज लाखों लोगों के लिए प्रेरणा श्रोत है। एक निर्धन परिवार का बेटा, जिनके पिता चाय बेचते थे और मां घरों में काम करती थीं, आज वो देश का प्रधानमंत्री है, ये अपने आप में ही काफी बड़ी बात है। उनका ये सफर बहुत सारी कठिनाईयों और संघर्ष से भरा हुआ है।
2014 में प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद से अब तक उन्होंने असंभव जैसे लगने वाले कई ऐसे कार्यों को अंजाम दिया है, जिनके बारे में पहले कोई सोच भी नहीं सकता था. यही वजह है कि उनके लिए ‘मोदी है तो मुमकिन है’ जैसी इमेज बन गई. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद 500 साल से अटके अयोध्या राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया, जिससे करोड़ों सनातनियों की आंखों से श्रद्धा और आस्था के सैलाब बह निकले.
अपने इस 11 साल के कार्यकाल में उन्होंने देश के लिए यूं तो कई बेमिसाल उपलब्धियां हासिल की है, जिनके बारे में बात करेंगे तो सूची बहुत लंबी हो जाएगी. लेकिन पीएम मोदी के जन्मदिवस के अवसर पर हम आपको उनके पांच बड़े फैसलों के बारे में विस्तार से बताएंगे, जिन्होंने न सिर्फ देश की दशा- दिशा बदली, बल्कि पीएम मोदी की छवि को मजबूत किया. ये फैसले साहस, नीति, स्वास्थ्य, राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक शांति के क्षेत्रों में मील का पत्थर साबित हुए हैं. इन्हीं फैसलों से बनी है वो इमेज कि ‘मोदी है तो मुमकिन है’ – चाहे वो असंभव लगने वाले कदम हों या लंबे समय से चली आ रही चुनौतियों का सामना.
तीन तलाक और वक्फ
ये कदम धर्मनिरपेक्षता के नए दायरे की ओर इशारा करते हैं, जहां राष्ट्रीय कानून निजी कानून और मान्यताओं से ज्यादा प्रभावी हैं. बीजेपी ने मुस्लिम समाज के लिए लाए इन कानून को रिफॉर्म और महिलाओं-गरीबों को हक देने वाला कानून बताया है. वक्फ संशोधन बिल के लोकसभा और राज्यसभा से पास होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने इसी पक्ष की ओर इशारा किया.
उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, “दशकों से वक्फ व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी नजर आ रही थी. इससे मुख्य रूप से हमारी मुस्लिम माताओं-बहनों, गरीब और पसमांदा मुसलमान भाई-बहनों के हितों को बहुत नुकसान हो रहा था. अब संसद द्वारा पारित विधेयक पारदर्शिता को बढ़ाने के साथ-साथ लोगों के अधिकारों की रक्षा में भी मददगार बनेगा.”

अनुच्छेद 370 को निरस्त किया जाना
अनुच्छेद 370 का निरस्तीकरण पीएम मोदी सरकार का सबसे साहसिक और विवादास्पद फैसला था, जिसने जम्मू-कश्मीर को भारत के साथ पूरी तरह एकीकृत कर दिया. इसके लिए पीएम मोदी की सरकार ने गोपनीय तरीके से लंबी तैयारी की. फिर सरकार की सलाह पर 5 अगस्त 2019 को संसद में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के आदेश से अनुच्छेद 370 और 35A को समाप्त कर दिया गया. इसके साथ ही लद्दाख को जम्मू-कश्मीर की छाया से आजाद करते हुए अलग केंद्र प्रशासित प्रदेश का दर्जा दिया गया. सरकार ने राज्य का अलग संविधान खत्म करके राष्ट्रीय संविधान लागू कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने भी दिसंबर 2023 में इसे वैध ठहराया.
सरकार के इस साहसिक फैसले के सुखद परिणाम सामने आए. जम्मू कश्मीर में महिलाओं, युवाओं, पिछड़ों, आदिवासियों और सीमांत समुदायों को विकास के लाभ मिले. पत्थरबाजी की घटनाएं 100% कम हुईं, आतंकी हमले 69% घटे, नागरिक हताहत 80% और सुरक्षाबलों के शहीद 44% कम हुए. पर्यटन बढ़ा, निवेश आया, और बिजली-पानी जैसी सुविधाएं सुधरीं. यह फैसला साहस का प्रतीक बना, जो दशकों पुरानी समस्या को हल करने वाला साबित हुआ. पीएम मोदी ने इसे ‘वाटरशेड मोमेंट’ कहा, जो विकास और एकता की नई शुरुआत था. हालांकि विपक्ष ने अपनी परंपरा निभाते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया.

नीतिगत – एक देश, एक चुनाव
‘एक देश, एक चुनाव’ पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी नीति है, जो लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ कराने का प्रस्ताव रखती है. यह विचार 2014 से ही मोदी के मन में था, जब उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव विकास को रोकते हैं. सितंबर 2024 में कैबिनेट ने राम नाथ कोविंद समिति की सिफारिशों को मंजूरी दी और दिसंबर 2024 में लोकसभा में बिल पेश किया गया.
सरकार के इस प्रस्ताव के मुताबिक, लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होंगे. उसके 100 दिनों के अंदर स्थानीय निकाय (पंचायत-नगरपालिका) के चुनाव होंगे. ये चुनाव हर पांच साल में एक बार करवाए जाएंगे. इससे चुनावी खर्चे में करीब 60 हजार करोड़ रुपये की कमी आएगी और आचार संहिता की वजह से अटके रहने वाले विकास कार्यों की गति बढ़ेगी. पड़ोसी देशों जैसे पाकिस्तान और नेपाल में पहले से ऐसा होता है.
पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस 2024 पर सभी दलों से समर्थन मांगा. सरकार का मानना है कि यह फैसला नीतिगत सुधार का प्रतीक है, जो लोकतंत्र को कुशल और किफायती बनाने की दिशा में कदम है. मोदी ने इसे ‘वाइब्रेंट डेमोक्रेसी’ का महत्वपूर्ण स्टेप कहा है. वहीं कांग्रेस समेत विपक्षी दल इस फैसले को संघीय ढांचे को कमजोर करने वाला मानता है, जो क्षेत्रीय दलों को नुकसान पहुंचाएगा और राष्ट्रीय मुद्दों को स्थानीय पर हावी कर देगा.

देश की इमेज बदली – अब इजरायल जैसी फीलिंग, ‘छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं’
पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति आक्रामक और आत्मरक्षा-केंद्रित हो गई, जो इजरायल जैसी ‘छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं’ वाली छवि बना रही है. 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक्स, 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक और मई 2025 के ऑपरेशन सिंदूर इसके प्रमुख उदाहरण हैं. जब भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों को मारा. उन्हें बचाने के लिए जब पाकिस्तानी सेना ने गोलाबारी की तो भारतीय सेना ने उसकी भी धज्जियां उड़ाने में देर नहीं की.
भारत के इन एक्शन से पीएम मोदी की इमेज ‘जीरो टॉलरेंस टू टेरर’ की छवि बनी. इसके साथ ही दुनियाभर में यह मैसेज भी गया कि अमेरिका-इजरायल की तरह अब भारत भी अपने दुश्मन के इलाके में घुसकर स्ट्राइक कर सकता है. चाहे डोकलाम हो या गलवान, मोदी सरकार के दृढ इरादों ने दुश्मनों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया. सरकार के इस फैसले से न सिर्फ देशवासियों में आत्मसम्मान बढ़ा बल्कि दुश्मन डिफेंसिव मोड में आए गए हैं.

स्वास्थ्य – 70 साल के बुजुर्गों को हेल्थ कवर
मोदी सरकार ने 11 सितंबर 2024 को आयुष्मान भारत योजना का विस्तार करने की मंजूरी दी. जिसके तहत 70 साल से ऊपर के सभी बुजुर्गों को आयुष्मान वाया वंदना कार्ड मिलेगा. 29 अक्टूबर 2024 को पीएम मोदी ने इस कार्ड को लॉन्च किया. यह गरीबी की परवाह किए बिना सभी को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज देगा. इस योजना से करीब 6 करोड़ बुजुर्गों को स्वास्थ्य कवर मिलने का अनुमान है. योजना में प्रावधान है कि पहले से कवर परिवारों को अतिरिक्त 5 लाख का टॉप-अप मिलेगा. साथ ही करीब 2 हजार बीमारियों का इलाज और प्री-एग्जिस्टिंग कंडीशंस कवर भी मिलेगा. बुजुर्गों की चिंता दूर करने वाला यह फैसला ‘स्वाभिमान’ और ‘डिज्निटी’ का प्रतीक बन गया है. पीएम मोदी का कहना है, “बुजुर्ग अब इलाज के खर्च की चिंता किए बिना आराम से जी सकेंगे.” इस फैसले ने देश में पीएम मोदी की इमेज और मजबूत की है.

नक्सलवाद – आखिरी सांसें गिन रहा
मोदी सरकार ने 2014 में शपथ लेते ही नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ने का संकल्प लिया था, जो अब धीरे-धीरे पूरा होने के करीब आ रहा है. 2014 से अब तक नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 126 से घटकर 12 रह गई है और हिंसा की घटनाएं 60% कम हुई हैं. सरकार का अनुमान है कि 2026 तक देश पूरी तरह नक्सल-मुक्त हो जाएगा. इस टारगेट को हासिल करने के लिए सरकार ने नक्सल इलाकों में न केवल जवानों की संख्या में भी भारी इजाफा किया है बल्कि चरमपंथ छोड़ने के लिए नक्सलियों को प्रेरित भी किया जा रहा है. इसके प्रभाव में आकर बड़ी संख्या में नक्सली हथियार छोड़कर सामान्य जीवन में वापसी कर चुके हैं.

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक