भोपाल। मध्य प्रदेश को पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की सौगात मिल गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi Bhopal Visit) ने आज भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन पर वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. देश की यह सबसे आधुनिक ट्रेन रानी कमलापति और दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन के बीच चलेगी. यह देश की 11वीं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में सबसे पहले इंदौर में हुए हादसे पर दुख जताया. उन्होंने कहा कि मृतकों को श्रद्धांजलि और परिवारों से संवेदना व्यक्त करता हूं, जो जख्मी हैं, उनके जल्द ठीक होने की कामना करता हूं.
पीएम मोदी के संबोधन की सभी बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि ये ट्रेन गुलामी की मानसिकता से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते हुए भारत का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि बच्चे कह रहे थे एक अप्रैल को कार्यक्रम क्यों रखते हो. जब ख़बर छपेगी की प्रधानमंत्री मोदी ने हरी झंडी दिखाई, तो कांग्रेस के लोग बयान देंगे कि मोदी अप्रैल फूल कर गए. हमने रेलवे के बजट को बढ़ाया है. मध्यप्रदेश के लिए इस बार 13 हजार करोड़ से ज्यादा का रेल बजट है. 2014 से पहले यह 600 करोड़ रुपए था.
मोदी ने कहा कि पहले रेलवे स्टेशन पर रुकना सजा जैसा लगता था. ट्रेन भी कई घंटे लेट चलाते थे. आज ये शिकायतें कम हो रही हैं. आज भारतीय रेल बहुत अधिक आधुनिक हुई है. सुरक्षा सिर्फ हादसों से ही नहीं, अब सफर के दौरान अगर किसी यात्री को शिकायत होती है, तो त्वरित कार्रवाई की जाती है. इमरजेंसी की स्थिति में भी बहुत कम समय में सहायता दी जाती है.
रेलवे के इतिहास में बहुत कम हुआ होगा कि एक ही स्टेशन पर किसी प्रधानमंत्री का दोबारा आना हुआ होगा, लेकिन आधुनिक भारत में नई व्यवस्थाएं बन रही हैं. नई परंपराएं बन रही हैं. आज का कार्यक्रम इसका ही उत्तम उदाहरण है. बच्चों से बात की. उनके अंदर इस ट्रेन को लेकर उमंग देखने योग्य थी. जब यह कार्यक्रम तय हुआ, तो मुझे बताया गया कि 1 तारीख को कार्यक्रम है. मैंने कहा कि 1 अप्रैल को क्यों रखे हो ? जब अखबार में खबर आएगी कि मोदी जी 1 अप्रैल को हरी झंडी दिखाने वाले हैं, तो हमारे कांग्रेस के साथी जरूर बयान देंगे कि मोदी अप्रैल फूल बनाएगा.
पहले देश के एक ही परिवार को देश का प्रथम परिवार मानती रही. देश के गरीब, मध्यम वर्गीय परिवार को तो उन्होंने अपने हाल पर ही छोड़ दिया था. इनकी आशाएं, अपेक्षाएं, इन्हें पूछने वाला कोई नहीं था. आजादी के बाद भारत को बहुत बड़ा रेलवे नेटवर्क बना बनाया मिला था. तब की सरकारें चाहती थी, तो बहुत तेजी से रेलवे को आधुनिक बना सकती थीं, लेकिन राजनीतिक स्वार्थ के लिए रेलवे के विकास को बलि चढ़ा दिया.
आजादी के इतने दशक बाद भी नॉर्थ ईस्ट के राज्य ट्रेन से नहीं जुड़े थे. 2014 में जब आपने मुझे सेवा का अवसर दिया, तो मैंने तय किया कि अब ऐसा नहीं होगा. रेलवे का कायाकल्प होकर रहेगा. 9 साल में हमारा निरंतर प्रयास रहा है कि भारतीय रेल दुनिया का श्रेष्ठ रेल नेटवर्क कैसे बने. 2014 से पहले भारतीय रेल को लेकर क्या खबरें आती थीं, आप जानते हैं.
मोदी ने कहा कि हमारे देश में कुछ लोग है, जो साल 2014 के बाद से ही यह ठान कर बैठे हैं. उन्होंने अपना संकल्प घोषित किया है कि हम मोदी की छवि को धूमिल करके रहेंगे. इसके लिए इन लोगों ने भांति-भांति के लोगों को सुपारी दे रखी है और खुद भी मोर्चा संभाले हुए हैं. इनका साथ देने के लिए कुछ लोग देश के भीतर हैं, कुछ देश के बाहर बैठकर भी काम कर रहे हैं. ये लोग किसी तरफ मोदी की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं.
लेकिन आज आदिवासी, पिछले, आम जनता हर भारतीय मोदी का सुरक्षा कवच बना हुआ है. इसलिए यह लोग बौखला गए है. नए-नए पैतरे अपना रहे हैं. साल 2014 में उन्होंने मोदी की छवि धूमिल करने का संकल्प लिया. अब संकल्प लिया है कि मोदी तेरी कब्र खुदेगी. इनकी साजिश के बीच आपको और देश वालों को राष्ट्र निर्माण पर ध्यान देना है.
पहले रेलवे का नाम बदला, अब वंदे भारत ट्रेन की सौगात- शिवराज
ट्रेन की रवानगी से पूर्व सीएम शिवराज ने अपने संबोधन में कहा कि जब प्रधानमंत्री जी पहली बार आए थे, तब हबीबगंज का नाम बदलकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन किया गया था और आज वह वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन बन गया है और इस बार प्रधानमंत्री जी, वंदे भारत ट्रेन की सौगात दे रहे हैं. आज मध्यप्रदेश के सौभाग्य के सूर्य का फिर से उदय हुआ है. आज फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी पधारे हैं, मैं प्रदेश की साढ़े 8 करोड़ जनता की ओर से प्रधानमंत्री जी का हार्दिक अभिनंदन करता हूं.
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