नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 दिनों के भीतर 3 बार उत्तर प्रदेश का दौरा कर राज्य को 28,420 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की सौगात दी है. इन 28 दिनों में 3 बार उत्तर प्रदेश के दौरे पर गए पीएम मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट, अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और पूर्वांचल एक्सप्रेव-वे सहित कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन किया तो साथ ही बेहतर भविष्य का निर्माण करने वाली कई परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया.

पीएम नरेंद्र मोदी के इन तीनों दौरों का अपना राजनीतिक महत्व भी है क्योंकि पूर्वांचल के इन 28 जिलों में यूपी विधान सभा की कुल 403 सीटों में से 164 सीटें आती हैं और पिछली विधान सभाओं का इतिहास यह बताता है कि लखनऊ की गद्दी पर वही काबिज होता है, जिसे यहां की जनता अपना आशीर्वाद देती है. इसलिए भाजपा , सपा और बसपा समेत उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने वाली हर पार्टी पूर्वांचल में जीत हासिल करने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रही है.

इन 28 दिनों में प्रधानमंत्री मोदी के उत्तर प्रदेश दौरे की बात करें तो इसकी शुरूआत सबसे पहले 20 अक्टूबर से होती है जब पीएम मोदी ने अपने कुशीनगर दौरे के दौरान जिले में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का उद्घाटन किया, प्रधानमंत्री राजकीय मेडिकल कॉलेज, कुशीनगर की आधारशिला रखी और साथ ही जिले में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास भी किया.

कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण 260 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से हुआ है. यह हवाई अड्डा दुनिया भर के बौद्ध तीर्थस्थलों को जोड़ने के सरकार के प्रयास का हिस्सा है लेकिन साथ ही इसका लाभ उत्तर प्रदेश और बिहार के आस-पास के जिलों में रहने वाले लोगों को भी मिलना तय है.

कुशीनगर दौरे के दौरान ही प्रधानमंत्री ने 280 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनने वाले राजकीय मेडिकल कॉलेज की भी आधारशिला रखी. इस मेडिकल कॉलेज में 500 बेड का अस्पताल होगा और यह शैक्षणिक सत्र 2022-2023 में एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए 100 छात्रों का नामांकन भी करेगा. प्रधानमंत्री ने 20 अक्टूबर के अपने कुशीनगर दौरे के दौरान ही 180 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले 12 विकास परियोजनाओं का भी उद्घाटन और शिलान्यास किया.

कुशीनगर दौरे के महज 5 दिन बाद ही पीएम मोदी एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के दौरे पर रवाना हो गए. 25 अक्टूबर को पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के साथ ही अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी का भी दौरा किया . 25 अक्टूबर के अपने इस बार के उत्तर प्रदेश के दौरे के दौरान पीएम मोदी ने प्रदेश के 9 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन करने के साथ-साथ अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को भी 5,200 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं की सौगात दी. वाराणसी में इसी दिन पीएम मोदी ने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन का भी शुभारंभ किया. 25 अक्टूबर को पीएम मोदी ने जिन 9 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया था वो प्रदेश के सिद्धार्थनगर, एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, फतेहपुर, देवरिया, गाजीपुर, मिजार्पुर और जौनपुर जिलों में स्थित हैं.

मंगलवार को नरेंद्र मोदी पूर्वांचल को सबसे बड़ी सौगात देने के लिए एक बार फिर उत्तर प्रदेश पहुंचे. महज 28 दिनों के भीतर उत्तर प्रदेश के अपने इस तीसरे दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सुल्तानपुर जिले में लगभग 22,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से निर्मित, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया. 341 किलोमीटर लंबाई वाला 6 लेन का यह एक्सप्रेस-वे लखनऊ-सुल्तानपुर रोड (एनएच-731) पर लखनऊ जिले के चौदसराय से शुरू होता है और यूपी-बिहार सीमा से 18 किमी पूर्व में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 पर स्थित गांव हैदरिया में समाप्त होता है.

प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को जिस पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया वो महज एक एक्सप्रेस-वे ही नहीं है बल्कि विपक्ष खासतौर से अखिलेश यादव ने इसे एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना रखा था . यह माना जा रहा है कि इस एक्सप्रेस-वे के माध्यम से पूर्वांचल यानि पूर्वी उत्तर प्रदेश के मतदाताओं को साधने में भाजपा को बड़ी मदद मिलने जा रही है क्योंकि पीएम मोदी द्वारा दिए गए इस सौगात का फायदा लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर जिले सहित पूर्वांचल के सभी 28 जिलों को मिलना तय माना जा रहा है.

सुल्तानपुर जिले में इसी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर निर्मित 3.2 किमी लंबी हवाई पट्टी आपात स्थिति में भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों को उतारने या उड़ान भरने के काम तो आएगी ही लेकिन साथ ही इसने राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीरता से लेने और हर संभव कदम उठाने की पीएम मोदी की राष्ट्रवादी छवि को भी और पुख्ता करने में अपना योगदान दिया है जो भाजपा की सबसे बड़ी पूंजी है.

उत्तर प्रदेश की चुनावी राजनीति में पूर्वांचल की भूमिका काफी अहम मानी जाती है. पूर्वांचल में प्रदेश के 28 जिले आते हैं और यहां की जनता यूपी विधान सभा में 164 विधायकों को चुन कर भेजती है. 2007 में पूर्वांचल की जनता ने बसपा का साथ दिया तो मायावती पूर्ण बहुमत के साथ राज्य की मुख्यमंत्री बनी . 2012 में यहां की जनता ने सपा को बहुमत से नवाजा तो अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने और 2017 में यहां की जनता ने खुलकर भाजपा का साथ दिया तो प्रचंड बहुमत के साथ राज्य में भाजपा की सरकार बनी. 2017 विधान सभा चुनाव में इस इलाके की 164 सीटों में से भाजपा को 115 सीटों पर जीत हासिल हुई थी जबकि सपा को 17, बसपा को 14 और कांग्रेस को महज 2 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था.

यही वजह है कि इस इलाके में जीत हासिल करने के लिए 28 दिनों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं 3 बार राज्य के दौरे पर गए. भाजपा के रणनीतिकार यह मानते हैं कि पीएम के दौरे का असर सिर्फ इन्ही 28 जिलों पर ही नहीं पड़ेगा बल्कि आस पास के कई जिलों पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ेगा, क्योंकि पीएम मोदी द्वारा दिए गए सौगातों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष लाभ आसपास के कई जिलों के लोगों को भी मिलना तय है.

आने वाले दिनों में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी कई बार उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों का दौरा करने वाले हैं. पीएम के दौरे के दौरान जहां इलाके के लोगों को विकास से जुड़ी कई सौगातों का लाभ मिलता है वहीं महत्वपूर्ण चुनावी लड़ाई में उतरने जा रही भाजपा को भी अपने पक्ष में माहौल बनाने में मदद मिलती है.