केवड़िया, गुजरात। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने जन्मदिन के मौके पर सरदार सरोवर बांध परियोजना को राष्ट्र को समर्पित किया. इस बांध की नींव देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 5 अप्रैल 1961 में रखी थी. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, गुजरात के सीएम विजय रूपानी भी मौजूद रहे.
गौरतलब है कि इस बांध की ऊंचाई हाल ही में 138.68 मीटर बढ़ाई गई थी. आखिरकाल 56 साल के लंबे विवाद के बाद इस बांध को लोकार्पित किया गया.
पहले बांध का उद्घाटन सुबह 9 बजकर 20 मिनट पर होना था, लेकिन खराब मौसम के चलते पीएम का हेलीकॉप्टर केवड़िया के बदले दभोई में उतारना पड़ा. इसके बाद मोदी सड़क मार्ग से दभोई से केवड़िया पहुंचे.
बता दें कि नर्मदा नदी पर बना ये बांध विश्व का दूसरा सबसे ऊंचा बांध है. वहीं भारत का ये सबसे ऊंचा बांध है. सबसे ऊंचा ग्रांड कोली डैम अमेरिका में है.
सरदार सरोवर बांध की खास बातें
इस परियोजना से हर साल 100 करोड़ यूनिट पनबिजली पैदा होगी. परियोजना को पूरा करने में 65 हजार करोड़ रुपए की लागत आई. गुजरात, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र को परियोजना से लाभ होगा.
गुजरात को अब 40 फीसदी ज्यादा बिजली मिलेगी. सरदार सरोवर बांध की जल भंडारण क्षमता 4,25,780 करोड़ लीटर है.
सरदार सरोवर डैम से बनी बिजली का 57 फीसदी महाराष्ट्र को, 27 फीसदी मध्य प्रदेश को और 16 फीसदी गुजरात को मिलेगा.
बांध से गुजरात के हजारों गांवों के साथ महाराष्ट्र के 37,500 हेक्टेयर इलाके में सिंचाई होगी. राजस्थान के दो सूखा प्रभावित जिले जालौर और बाड़मेर तक 2,46,000 हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई होगी. गुजरात के 9,633 गांवों तक पीने का पानी पहुंचेगा.
सरदार सरोवर बांध 1987 से बनना शुरू हुआ था. इस बांध में 30 दरवाजे हैं और हर गेट 450 टन का है और इसे बंद करने में करीब एक घंटे का समय लगता है. 1.2 किलोमीटर लंबा ये बांध 163 मीटर गहरा है. बांध के दो पावर हाउसों बेड पावर हाउस और कैनाल हेड पावर हाउस की क्षमता 1200 मेगावॉट और 250 मेगावॉट है.
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सरदार सरोवर बांध का विरोध
प्रसिद्ध समाजसेवी मेधा पाटकर इस परियोजना का शुरू से ही विरोध कर रही हैं. उनका कहना है कि डैम के 30 गेट खुलते ही मध्य प्रदेश के अलीराजपुर, बड़वानी, धार, खरगोन जिलों के 192 गांव, महाराष्ट्र के 33 और गुजरात के 19 गांवों की जलसमाधि हो जाएगी.
पीएम ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की याद में बने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का भी दौरा किया. इसकी ऊंचाई 182 मीटर है. परियोजना के तहत 182 मीटर लंबी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, एक प्रदर्शनी हॉल और एक आगंतुक केंद्र बनाया जा रहा है.