नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में दुनिया की सबसे लंबी अटल टनल, रोहतांग का उद्घाटन किया. ये दुनिया की सबसे लंबी हाईवे टनल है. इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी मौजूद रहे. इसके साथ ही केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर, सीडीएस जनरल बिपिन रावत, बीआरओ महानिदेशक सहित बीआरओ के अन्य विशिष्ट अधिकारी मौजूद रहे.
गौरतलब है कि सामरिक रूप से महत्वपूर्ण ये सुरंग सभी मौसम में खुली रहेगी. इस सुरंग के कारण मनाली और लेह के बीच की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी. उद्घाटन समारोह के बाद पीएम मोदी लाहौल स्पीति के सीसू और सोलांग घाटी में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया.
दरअसल, अटल सुरंग का दक्षिणी पोर्टल मनाली से 25 किलोमीटर की दूरी पर 3060 मीटर की ऊंचाई पर बना है जबकि उत्तरी पोर्टल 3071 मीटर की ऊंचाई पर लाहौल घाटी में तेलिंग, सीसू गांव के नजदीक स्थित है. घोड़े की नाल के आकार वाली दो लेन वाली सुरंग में आठ मीटर चौड़ी सड़क है और इसकी ऊंचाई 5.525 मीटर है.
अटल सुरंग की डिजाइन प्रतिदिन तीन हजार कार और 1500 ट्रक के लिए तैयार की गई है, जिसमें वाहनों की अधिकतम गति 80 किलोमीटर प्रति घंटे होगी. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने रोहतांग दर्रे के नीचे सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस सुरंग का निर्माण कराने का निर्णय किया था और सुरंग के दक्षिणी पोर्टल पर संपर्क मार्ग की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी थी.
रोहतांग दर्रे के नीचे इस ऐतिहासिक सुरंग की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई और इसके बाद से सीमा सड़क संगठन सभी प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद इसे पूरा करने में जुटा था. सेरी नाला फाल्ट जोन में 587 मीटर क्षेत्र में सुरंग बनाने का काम सबसे चुनौतीपूर्ण था और इसे 15 अक्टूबर 2017 को पूरा किया गया.
मोदी सरकार ने दिसम्बर 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री के सम्मान में सुरंग का नाम अटल सुरंग रखने का निर्णय किया था. इस सुरंग से हर रोज 3000 कार और 1500 ट्रक 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आ जा सकेंगे. सुरंग में अग्नि शमन, रोशनी और निगरानी के व्यापक इंतजाम किये गए हैं.
हर ढाई सौ मीटर पर सीसीटीवी कैमरा
इस सुरंग के अंदर आपात स्थिति में बातचीत के लिए हर 150 मीटर पर टेलीफोन और हर 60 मीटर पर अग्निशमन यंत्र लगे हैं. घटनाओं का स्वत पता लगाने के लिए हर ढाई सौ मीटर पर सीसीटीवी कैमरा और हर एक किलोमीटर पर वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली लगी है. हर 25 मीटर पर आपात निकास के संकेत है तथा पूरी सुरंग में ब्रोडकास्टिंग सिस्टम लगाया गया है. सुरंग में हर 60 मीटर की दूरी पर कैमरे भी लगाये गए हैं.