भोपाल। ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पीएम मोदी मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल पहुंचे हैं. जहां उन्होंने एमपी की 2 समेत 5 वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई. ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ कार्यक्रम के संबोधिन के दौरान पीएम मोदी भारत माता जय के नारे लगाए. पीएम मोदी के जयकारों के साथ सभागार गूंज उठा. मिशन 2023-24 को लेकर कार्यकर्ताओं की क्लास के साथ मोदी ने चुनावी शंखनाद किया. मोदी ने टिप्स देते हुए कहा कि राजनेता से पहले सामाजिक नेता बनें. पीएम मोदी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं से सवाल जबाव भी किया. सबसे पहला सवाल मप्र के दमोह जिले के कार्यकर्ता श्रीराम पटेल ने पूछा.
बीजेपी कार्यकर्ता श्रीराम पटेल का सवाल – आपने खुद मंडल स्तर तक कार्यकर्ता बनकर काम किया. ऐसे में आप राजनीति के अतिरिक्त सामाजिक कार्य को कैसे देखते हैं ?
PM मोदी का जवाब
अच्छा लगा कि आप रोज की राजनीति की आपाधापी के बजाय दूसरा सवाल लाए हैं. बूथ अपने आप में बहुत बड़ी इकाई है. बूथ की इस इकाई को छोटा नहीं समझना चाहिए. हमें अपने बूथ में राजनीतिक कार्यकर्ता से ऊपर उठकर समाज के साथी के रूप में अपनी पहचान बनानी चाहिए. बहुत सी ऐसी चीजें होती हैं, जिसमें जमीन का फीडबैक जरूरी होता है. बूथ के साथी इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं. बूथ के कार्यकर्ता की दी गई जानकारी की ताकत बहुत बड़ी होती है. हम भाजपा के कार्यकर्ता एसी में बैठक नहीं, गांव-गांव जाकर हर मौसम में जनता के बीच खुद को खपाते हैं.
इसलिए बूथ का मजबूत होना जरूरी है. मुझे गांव से कार्यकर्ता ने उज्ज्वला के बारे में समझाया और वो नीति बन गई. कार्यकर्ता की पहचान सेवा से होनी चाहिए. बूथ के लिए तू-तू, मैं-मैं नहीं सेवा भाव से पहचान होनी चाहिए. लोगों को जो काम छोटे लगते हैं, वो बहुत उपयोगी होते हैं. हमारी पार्टी के अखबार हैं. मैग्जीन हैं. हमें तय करना चाहिए कि हम इनका वितरण करेंगे. ये हमारा एक कमल संदेश होगा. तय करेंगे कि अगला आने तक वो घर-घर घूमता रहेगा. आप – अपने लिए खर्चा करते हैं, लेकिन वो दूसरों के घर पहुंचा देंगे तो फायदा होगा.
अभी सब किसान अलग-अलग यूरिया लेने जाते हैं. अगर आप एक वॉट्सऐप ग्रुप बना दें और उनकी डिमांड पूछकर सभी एक साथ यूरिया लेने जाएं, तो लाने का खर्चा कम हो जाएगा. ऐसी भावना सभी में होती है, लेकिन माध्यम नहीं होता है. जब कोई व्यक्ति माध्यम बन जाता है, तो सेवाभाव वाले व्यक्ति उससे जुड़ ही जाते हैं. जब आप किताब देंगे, तो आप देखेंगे बच्चे भी अपनी पुरानी किताबें दे देंगे. आप देखना घर-घर किताबें पहुंच जाएंगी.
आंगनबाड़ी के जरिए गरीब परिवारों से दोस्ती का तरीका बताया. खजूर का सीजन है, तो बच्चों को खजूर खिला दो. नई टॉफी आई है, तो उनको टॉफी खिला दो. ऐसे में वो आपको पहचानेंगे. आपका जुड़ाव उन परिवारों से बनेगा. आप अपने बूथों पर ऐसे प्रयोग कीजिए. आपकी तरफ देखने का लोगों का दृष्टिकोण बदल जाएगा.
बता दें कि प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ चुनाव और 2024 लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार की शुरुआत करने के लिए भोपाल आए. वह भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में ‘मेरा बूथ, सबसे मजबूत’ अभियान के तहत मध्य प्रदेश की 543 लोकसभा के 10 लाख और 64,100 बूथ कार्यकर्ताओं को डिजिटल माध्यम से संबोधित किया. इसमें सभी राज्यों के विधानसभा क्षेत्रों से 3 हजार कार्यकर्ता भी शामिल हुए. उनसे प्रधानमंत्री ने सीधा संवाद किया.
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