नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश को संबोधित किया.उन्होंने आज के ही दिन बर्लिन की दीवार टूटने और करतारपुर साहिब कॉरिडोर का शुभारंभ होने का जिक्र करते हुए कहा कि आज के दिन का संदेश जुड़ने, जोड़ने और मिलकर जीने का है.
प्रधानमंत्री मोदी ने आज से नए भारत की निर्माण की बात कहते हुए कहा कि नए भारत में भय, कटुता और नकारात्मकता का कोई स्थान नहीं है. उन्होंने कहा कि अयोध्या के फैसले से पहले पूरे विवाद को लेकर किसी के मन में कोई कटुता नहीं रह गई हो तो उसे तिलांजलि देने का दिन है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से अयोध्या मसले की सुनवाई के दौरान सबको सुना, धैर्य से सुना और पूरे देश के लिए खुशी की बात है कि फैसला सर्वसम्मति से आया. सुप्रीम कोर्ट ने दृढ़ इच्छा शक्ति दिखलाई है. इसके लिए न्यायधीश, न्यायालय और हमारी न्यायिक प्रणाली विशेष रूप से अभिनंदन के अधिकारी हैं. फैसले ने देश को यह संदेश दिया है कि कठिन से कठिन मसले का हल संविधान के दायरे में ही आता है. कानून के दायरे में ही आता है. हमें इस फैसले से सीख लेनी चाहिए, भले ही कुछ समय लगे लेकिन फिर भी धैर्य बनाकर रखना ही सर्वोचित है. भारत का संविधान, भारत की न्यायिक प्रणाली, यह हमारी महान परंपरा अडिग रहे यह महत्वपूर्ण है.
मोदी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का यह फैसला नया सवेरा लेकर आया है, इस विवाद का भले ही कई पीढ़ियों पर असर पड़ा, लेकिन इस फैसले के बाद हमें सार्थक करना होगा कि अब नई पीढ़ी नए सिरे से न्यू इंडिया के निर्माण में जुटी हुई है. आइए एक नई शुरुआत करें, अब नए भारत का निर्माण करते हैं. उन्होंने कहा कि हमें अपना विश्वास और साथ विकास इस बात से तय करना है कि मेरे साथ चलने वाला कहीं पीछे तो नहीं छूट गया. हमें सबको साथ लेकर, सबको विकास करके सबका विश्वास हासिल कर आगे ही आगे बढ़ते जाना है.
उन्होंने कहा कि राम मंदिर के निर्माण का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दे दिया. अब देश के हर नागरिक पर राष्ट्र निर्माण की जवाबदारी और बढ़ गई है. इसके साथ एक नागरिक के तौर पर हम सभी के लिए देश की न्याय प्रक्रिया का पालन करना, नियम-कायदों का सम्मान करना यह दायित्व पहले से भी अधिक बढ़ गया है. हमारे उज्जवल भविष्य के लिए बहुत अनिवार्य है कि हमारे बीच का सौहार्द्र, हमारी एकता, हमारी शांति, हमारा स्वभाव और हमारा स्नेह देश के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.