PM Modi on Terrorist: मधुबनी पहुंचे पीएम मोदी ने सबसे पहले पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने अपना भाषण शुरू करने से पहले 2 मिनट का मौन रखा। इसके बाद पीएम ने कहा कि, गांव का विकास हमारी प्राथमिकता है। पंचायती राज संस्थाओं को फंड दिया जा रहा है और टेक्नोलॉजी से पंचायतें मजबूत हो रही हैं. हमारी बहू-बेटियां अब जनप्रतिनिधि बन रही हैं।

‘आतंकियों को मिट्टी में मिलाने का समय आ गया’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में जिस बेरहमी से आतंकवादियों ने निर्दोष नागरिकों की हत्या की, उससे पूरा देश दुखी है… पूरा देश इस दुख की घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है। सरकार भी यह सुनिश्चित करने का हर संभव प्रयास कर रही है कि वर्तमान में उपचाराधीन परिवार के सदस्य जल्द से जल्द ठीक हो जाएं।”

पीएम मोदी ने आगे कहा कि, “आतंकी हमले में किसी ने अपना बेटा खोया, किसी ने भाई, किसी ने जीवन साथी खोया। इनमें से कोई बांग्ला बोलता था, कन्नड़ बोलता था, गुजराती था कोई बिहार का लाल था। आज सभी की मृत्यु पर करगिल से कन्याकुमार तक हमारा आक्रोश एक जैसा है। दोषियों को कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी। आतंकियों को मिट्टी में मिलाने का समय आ गया।”

राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर को दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, “आज पंचायती राज दिवस के मौके पर पूरा देश मिथिला से, बिहार से जुड़ा है। आज यहां देश के, बिहार के विकास से जुड़े हजारों करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। बिजली, रेल, इंफ्रास्ट्रक्चर के इन विभिन्न कार्यों से बिहार में रोजगार के नए मौके बनेंगे। आज राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर की पुण्यतिथि भी है मैं उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं।”

पूज्य बापू का किया जिक्र

पीएम ने कहा कि, ” बिहार वो धरती है, जहां से पूज्य बापू ने सत्याग्रह के मंत्र का विस्तार किया था। पूज्य बापू के दृढ़ विश्वास था कि जब तक भारत के गांव मजबूत नहीं होंगे, तब तक भारत का तेज विकास नहीं हो पाएगा। देश में पंचायती राज की परिकल्पना के पीछे यही भावना है। बीते दशक में पंचायतों को सशक्त करने के लिए एक के बाद एक कदम उठाए गए हैं। टेक्नोलॉजी के माध्यम से भी पंचायतों को मजबूत किया गया है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, ” बीते दशक में 2 लाख से ज्यादा ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ा गया। 5.50 लाख से ज्यादा कॉमन सर्विस सेंटर गांवों में बने हैं। पंचायतों के डिजिटल होने से एक और फायदा हुआ है। अब जीवन/मृत्यु प्रमाण पत्र, भूमि धारण प्रमाण पत्र जैसे कई दस्तावेज आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।”

पंचायतों को पर्याप्त फंड मिले प्राथमिकता

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि, “आजादी के अनेक दशकों बाद जहां देश को संसद की नई ईमारत मिली, वहीं देश में 30 हजार नए पंचायत भवन भी बनाए गए। पंचायतों को पर्याप्त फंड मिले, ये भी सरकार की प्राथमिकता रही है। बीते 10 साल में 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड पंचायतों को मिला है। ये सारा पैसा गांवों के विकास में लगा है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ” हमने देखा है कि पंचायतों ने कैसे सामाजिक भागीदारी को सशक्त किया है। बिहार, देश का पहला राज्य था जहां महिलाओं को पंचायत में 50% आरक्षण की सुविधा दी गई। आज बहुत बड़ी संख्या में गरीब, दलित, महादलित, पिछड़े और अति पिछड़े समाज की बहन-बेटियां बिहार में जन-प्रतिनिधि बनकर सेवाएं दे रही हैं। यही सच्चा सामाजिक न्याय है, यही सच्ची सामाजिक भागीदारी है।”

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