नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गुजरात उच्च न्यायालय की हीरक जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि हमारे संविधान में कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका को दी गई जिम्मेदारी हमारे संविधान के लिए प्राणवायु की तरह है. हमारी न्यायपालिका ने संविधान की प्राणवायु की सुरक्षा का दायित्व पूरी दृढ़ता से निभाया है. गुजरात हाईकोर्ट ने जिस सत्य निष्ठा से काम किया, उससे भारतीय न्याय व्यवस्था और लोकतंत्र दोनों को ही मजबूती मिली है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे संविधान में न्याय की जो धारणा रही है वो न्याय हर भारतीय का अधिकार है, इसलिए सरकार और न्यायपालिका दोनों का दायित्व है कि हम दुनिया की सर्वोत्तम न्याय व्यवस्था कायम करें. उन्होंने कहा कि हमारी न्याय व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए जहां हर व्यक्ति को न्याय की गारंटी हो और अंतिम व्यक्ति को न्याय मिले.

पीएम मोदी ने बोले कि हमारी न्यायपालिका ने कठिन समय में संवैधानिक मूल्यों की रक्षा की है. मोदी ने कहा कि रूल ऑफ लॉ हमारे संस्कार का अधिकार रहा है. इस कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी भी मौजूद हैं.

बता दें कि गुजरात हाईकोर्ट की स्थापना 1 मई 1960 में हुई थी. पहले इसकी स्थापना नारौल में हुई थी, इसके बाद इसे अहमदाबाद के इनकम टैक्स सर्किल में शिफ्ट में किया गया था. अब साल 1998 से गुजरात हाईकोर्ट अहमदाबाद के सोला कैंपस से चल रहा है.