नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (Shanghai Cooperation Organization) के शिखर सम्मेलन के लिए आज उज्बेकिस्तान के समरकंद पहुंचेंगे। वे दोपहर में वहां के लिए रवाना होंगे और शाम तक समरकंद पहुंचेगे। इस बैठक में भारत, रूस, चीन और पाकिस्तान समेत 8 देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होंगे। हालांकि भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर तनाव कम होने के बावजूद मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात पर संशय बना हुआ है. साथ ही अन्य नेताओं से मुलाकात की भी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है.

जानकारी के मुताबिक कल यानी 16 सितंबर को यहां सबसे पहले नेताओं का ग्रुप फोटो सेशन होगा। यह पहला मौका होगा जब पीएम नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तानी पीएम शाहबाज शरीफ समेत अन्य नेता साथ होंगे. इसके बाद नेताओं की अपने सीमित अधिकारियों के साथ रेस्ट्रिक्टेड फॉर्मेट में बैठक होने की संभावना है.

पीएम मोदी का औपचारिक भाषण

इसके बाद सभी LCO सदस्य देशों के प्रतिनिधिमंडल और ऑब्जर्वर का दर्जा रखने वाले देशों और संगठनों के प्रतिनिधि भी बैठक में शामिल होंगे. इसी दौरान पीएम मोदी का भी औपचारिक भाषण होगा. इस बैठक के बाद समरकंद मीटिंग के दस्तावेजों पर दस्तखत किए जाएंगे. जिसके बाद दोपहर के भोज के साथ बैठक का समापन होगा.

SCO और इसकी अहमियत

SCO 8 देशों का संगठन है. जिसमें भारत, कजाखिस्तान, किर्गीजस्तान, चीन, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान शामिल है. वहीं ऑब्जर्वर देशों में अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान (समरकंद की बैठक में ईरान सदस्य के तौर पर शामिल हो जाएगा) और मंगोलिया शामिल है. इसके पार्टनर देशों में अजरबैजान, अर्मेनिया, कंबोडिया, नेपाल, तुर्की, नेपाल और श्रीलंका है. इस संगठन की अहमियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ग्लोबल GDP का 30% हिस्सा इस संगठन के पास है.

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