दिल्ली. देश में कोरोना वायरस महामारी को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार लगातार राज्यों के साथ मिलकर काम कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबंधित अधिकारियों के साथ लगातार उच्च स्तरीय बैठकों कर रहे हैं. पीएम ने गुरुवार को भी कोरोना के कारण बने इस हालात का जायजा लेने के लिए दस राज्यों के जिला अधिकारियों के साथ अहम बैठक भी की है. इसके अलावा पीएम ने आज ट्वीट कर अहम जानकारी दी. उन्होंने कहा कि वो कल शुक्रवार को सुबह 11 बजे काशी के डॉक्टरों और फ्रंटलाइन वर्करों से बातचीत करेंगे.
बता दें कि कोरोना महामारी से निपटने में वाराणसी मॉडल की चर्चा देशभर में हो रही है. पीएम नरेंद्र मोदी आज सुबह 11 बजे इस प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों से बात करेंगे. इसके साथ ही शहर के डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत करेंगे.
At 11 AM tomorrow, 21st May, will be interacting with doctors and frontline workers who are working tirelessly to contain COVID-19 in Kashi. https://t.co/RuopsFsKNr
— Narendra Modi (@narendramodi) May 20, 2021
प्रधानमंत्री पंडित राजन मिश्रा कोविड अस्पताल सहित वाराणसी में विभिन्न कोविड अस्पतालों के कामकाज की समीक्षा करेंगे, जिसे हाल ही में डीआरडीओ और भारतीय सेना के संयुक्त प्रयासों के माध्यम से शुरू किया गया था. वह जिले में गैर-कोविड अस्पतालों के कामकाज की भी समीक्षा करेंगे.
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दरअसल, हाल ही में पीएम मोदी ने चक्रवात ताउते का निरीक्षण करने के लिए गुजरात का दौरा किया था. इस बीच पीएम मोदी ने अहमदाबाद में एक बैठक की अध्यक्षता की थी. इस बैठक में उन्होंने गुजरात सरकार से कहा कि आपको वाराणसी से सीखने की जरूरत है.
इसके बारे में पीएम मोदी ने गुजरात के सीएम, मंत्रियों समेत वहां मौजूद सीनियर अफसरों को बताया कि कोरोना की दूसरी लहर ने देखते ही देखते कोहराम मचा दिया. अस्पताल में बेड से लेकर ऑक्सीजन को लेकर मारामारी मची थी. वाराणसी में भी लोगों को तरह-तरह की मुसीबतें झेलनी पड़ी. लेकिन उतना नहीं जितना बाकी देश को भुगतना पड़ा.
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वाराणसी मॉडल ने बनारस की जान बचा ली. वाराणसी के डीएम कौशलराज शर्मा का आइडिया चल गया. कोरोना के दूसरी लहर के दस्तक देने से पहले ही उन्होंने काम शुरू कर दिया था. कौशलराज ने इलाके के व्यापारियों की बैठक बुलाई फिर उन्हें कोरोना कर्फ़्यू लगाने पर राजी कर लिया. कारोबारियों के साथ मिल कर वाराणसी के अलग-अलग इलाकों में बाजार बंद करने का फैसला हो गया.
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