PM Modi- Xi Jinping Meeting: पीएम मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच 50 मिनट तक चली बैठक खत्म हो गई है। बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने, जहां दोनों देशों के संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध जताई। वहीं दूसरी तरफ जिनपिंग ने कहा कि भारत-चीन का साथ आना जरूरी। बैठक के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के दौरान तीन शब्द का जिक्र करते हुए चीन साफ दिया। पीएम मोदी ने भारत-चीन की नई शुरुआत से पहले विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता तीन शब्दों का जिक्र किया। ये एक तरह से चीन को ये संकेत देना था कि हम आप पर तभी भरोसा करेंगे, जब आप इन तीनों बातों पर ईमानदारी के साथ खड़े रहेंगे।

शी जिनपिंग ने एससीओ समिट में आने के लिए पीएम मोदी का आभार जताया है। जिनपिंग ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, आपसे दोबारा मिलकर बहुत खुशी हुई मैं SCO शिखर सम्मेलन के लिए चीन में आपका स्वागत करता हूं। चीनी राष्ट्रपति ने आगे कहा कि पिछले साल कजान में हमारी सफल बैठक हुई थी। उन्होंने कहा कि भारत और चीन दो बड़ी संभ्यताएं हैं। ड्रैगन और हाथी का साथ जरूरी है। भारत और चीन की दोस्ती महत्वपूर्ण है। भारत और चीन का साथ आना जरूरी है। दोस्ती और अच्छा पड़ोसी होना अहम।

पीएम मोदी के साथ NSA अजीत डोभाल, विदेश सचिव विक्रम मिस्री, चीन में भारत के राजदूत प्रदीप रावत, जॉइंट सेक्रेटरी (ईस्ट एशिया) गौरांग लाल दास और पीएमओ से अतिरिक्त सचिव दीपक मित्तल मौजूद थे। वहीं, शी जिनपिंग के साथ विदेश मंत्री वांग यी, प्रधानमंत्री ली कियांग, डायरेक्टर जनरल ऑफिस कैई ची और भारत में चीन के राजदूत शू फेहोंग मौजूद रहे।

पीएम मोदी बोले- आपसी सम्मान और भरोसे से रिश्ते को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध

शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा प्रबंधन पर सहमति बनी है। कैलाश मानसरोवर यात्रा और सीधी उड़ानों पर भी प्रगति हुई है। इससे 2.8 अरब लोग जुड़े हैं और इसका लाभ पूरी मानवता को मिलेगा। उन्होंने आपसी सम्मान और भरोसे को आगे बढ़ाने पर जोर दिया और चीन को SCO की सफल अध्यक्षता के लिए बधाई दी। पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देश एक-दूसरे की संवेदनशीलताओं का सम्मान करते हैं और रिश्तों को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

लवान झड़प के बाद मोदा का पहला चीन दौरा

मोदी शनिवार शाम 2 दिन के जापान दौरे के बाद चीन पहुंचे थे। जून 2020 में हुई गलवान झड़प के बाद भारत-चीन के संबंध खराब हो गए थे। इस यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को कम करना भी है। मोदी आज तियानजिन शहर में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की मीटिंग में हिस्सा लेंगे। इस बार चीन में इतिहास की सबसे बड़ी SCO समिट का आयोजन हो रहा है।

इसमें 20 से ज्यादा देश शामिल हो रहे हैं। मोदी और पुतिन के साथ-साथ सेंट्रल एशिया, मिडिल ईस्ट, साउथ एशिया और साउथ-ईस्ट एशिया के नेता भी इस समिट में शामिल होंगे। पीएम मोदी सोमवार को रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मिलेंगे।

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