प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 10 लाख कर्मियों के लिए भर्ती अभियान ‘रोजगार मेला’ का शुभारंभ किया. पीएम मोदी ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से रोजगार मेला का शुभारंभ किया. इस अवसर पर 75,000 लोगों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “बीते 8 वर्षों में देश में रोजगार और स्वरोजगार का जो अभियान चल रहा है, आज उसमें एक और कड़ी जुड़ गई है. ये कड़ी है रोजगार मेले की. आज केंद्र सरकार 75 हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र दे रही है.”

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, विकसित भारत के संकल्प की सिद्धी के लिए हम आत्मनिर्भर भारत के रास्ते पर चल रहे हैं. इसमें हमारे innovators, entreprenuers, उद्यमियों, किसानों, सर्विसेज और मैन्युफैक्चिरिंग से जुड़े साथियों की बड़ी भूमिका है. उन्होंने कहा कि आज केंद्र सरकार के विभागों में इतनी तत्परता, इतनी क्षमता आई है इसके पीछे 7-8 साल की कड़ी मेहनत है, कर्मयोगियों का विकाट संकल्प है.

पीएम मोदी ने कहा, आज भारत दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है. 7-8 साल के भीतर हमने 10वें नंबर से 5वें नंबर तक की छलांग लगाई है. ये संभव हो पा रहा है, क्योंकि बीते 8 वर्षों में हमने देश की अर्थव्यवस्था की उन कमियों को दूर किया है, जो रुकाटवें पैदा करती थीं.

युवाओं का जिक्र कर पीएम मोदी ने कहा कि आज हमारा सबसे अधिक बल युवाओं के कौशल विकास पर है. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत देश में उद्योगों की जरूरतों के हिसाब से युवाओं को ट्रेनिंग देने का एक बहुत बड़ा अभियान चल रहा है. देश की युवा आबादी को हम अपनी सबसे बड़ी ताकत मानते हैं. आजादी के अमृतकाल में विकसित भारत के निर्माण के सारथी हमारे युवा हैं.

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में ग्रामीण क्षेत्रों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि गांवों में बड़ी संख्या में रोजगार निर्माण का एक और उदाहरण हमारा खादी और ग्रामोद्योग है. उन्होंने कहा, देश के पहली बार खादी और ग्रामोद्योग, एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है. इन वर्षों में खादी और ग्रामोद्योग में एक करोड़ से अधिक रोजगार बने हैं. इसमें भी बड़ी संख्या में हमारी बहनों की हिस्सेदारी है.

स्टार्टअप की संख्या 80 हजार से अधिक

पीएम मोदी ने कहा कि स्टार्ट अप इंडिया (Start Up India) अभियान ने तो देश के युवाओं के सामर्थ्य को पूरी दुनिया में स्थापित कर दिया है. साल 2014 तक जहां देश में कुछ सौ ही स्टार्टअप थे, आज ये संख्या 80 हजार से अधिक हो चुकी है. उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में देश का सबसे महत्वकांक्षी मिशन है, मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत. उन्होंने कहा आज देश कई मामलों में एक बड़े आयातक से एक बड़े निर्यातक की भूमिका में आ रहा है. अनेक ऐसे सेक्टर हैं, जिसमें भारत आज ग्लोबल हब बनने की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है.