नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी 1 और 2 सितंबर को कर्नाटक और केरल का दौरा करेंगे। इस दौरान वह कोच्चि के कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत INS विक्रांत (aircraft carrier INS Vikrant) को हरी झंडी दिखाएंगे. 1 सितंबर की शाम को वे कोचीन हवाईअड्डे के पास कलाडी गांव में आदि शंकराचार्य के पवित्र जन्मस्थान श्री आदि शंकर जन्मभूमि क्षेत्र का दौरा करेंगे.

प्रधानमंत्री 2 सितंबर को सुबह 9.30 बजे कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत (INS VIKRANT) चालू करेंगे. इसके बाद दोपहर में प्रधानमंत्री मंगलुरु में करीब 3800 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि मोदी विशेष रूप से रणनीतिक क्षेत्रों में आत्मानिर्भर भारत के प्रबल समर्थक रहे हैं.

आत्मनिर्भरता की ओर अहम कदम

पीएमओ ने कहा कि “रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है. प्रधानमंत्री आईएनएस विक्रांत के रूप में पहले स्वदेशी डिजाइन और निर्मित विमान वाहक को चालू करेंगे. भारतीय नौसेना के इन-हाउस युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो (WDB) द्वारा डिजाइन और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित, बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र का शिपयार्ड विक्रांत को अत्याधुनिक ऑटोमेशन सुविधाओं के साथ बनाया गया है और यह भारत के समुद्री इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा जहाज है”.

1971 के युद्ध विक्रांत की अहम भूमिका

स्वदेशी विमान वाहक का नाम इसके शानदार पूर्ववर्ती, भारत के पहले विमान वाहक के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसमें बड़ी संख्या में स्वदेशी उपकरण और मशीनरी हैं, जिसमें देश के प्रमुख औद्योगिक घरानों के साथ-साथ 100 से अधिक MSMEs शामिल हैं. विक्रांत के चालू होने के साथ, भारत के पास दो ऑपरेशनल एयरक्राफ्ट कैरियर होंगे। जो देश की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेंगे.

इन कार्यों की भी करेंगे शुरुआत

मंगलुरु में प्रधानमंत्री करीब 3,800 करोड़ रुपये की मशीनीकरण और औद्योगीकरण परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। प्रधानमंत्री न्यू मैंगलोर पोर्ट अथॉरिटी की ओर से शुरू किए गए कंटेनरों और अन्य कार्गो को संभालने के लिए बर्थ नंबर 14 के मशीनीकरण के लिए 280 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना का उद्घाटन करेंगे. पीएम बंदरगाह की ओर से शुरू की गई करीब 1,000 करोड़ रुपये की पांच परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे. अत्याधुनिक क्रायोजेनिक एलपीजी स्टोरेज टैंक टर्मिनल से लैस एकीकृत एलपीजी और बल्क लिक्विड पीओएल सुविधा अत्यधिक कुशल तरीके से 45,000 टन के लोड वीएलजीसी (बहुत बड़े गैस वाहक) को उतारने में सक्षम होगी. इसके साथ ही पीएम मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा शुरू की गई दो परियोजनाओं- बीएस 6 अपग्रेडेशन प्रोजेक्ट और सी वाटर डिसेलिनेशन प्लांट का भी उद्घाटन करेंगे.

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