पटना। पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH) में जूनियर डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल का असर अब साफ तौर पर दिखने लगा है। अस्पताल की ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गई हैं, जिससे दूर-दराज से आए मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हड़ताल को शुरू हुए 24 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है।

स्वास्थ्य सचिव से बातचीत रही बेनतीजा

जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (JDA) की पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य सचिव से मुलाकात की। डॉक्टरों ने अपनी 6 मांगों को लेकर सरकार से त्वरित कार्रवाई की अपील की। लेकिन कई घंटे चली बैठक के बावजूद किसी भी ठोस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सका। डॉक्टरों ने साफ कहा कि सरकार जब तक उनकी मांगों पर सकारात्मक कदम नहीं उठाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

मरीजों की परेशानी बढ़ी

हड़ताल के कारण OPD सेवाएं पूरी तरह से बंद रही। कई मरीज जो सैकड़ों किलोमीटर दूर से इलाज के लिए पटना पहुंचे थे, उन्हें बिना इलाज वापस लौटना पड़ा। अस्पताल परिसर में मरीजों और उनके परिजनों की भीड़ देखी गई, जो डॉक्टरों की अनुपस्थिति में इलाज के लिए भटकते रहे। कई बुजुर्ग और गंभीर रोगियों को गहरी निराशा का सामना करना पड़ा।

JDA अपनी मांगों पर अड़ा, आपातकालीन सेवाएं ही चालू

JDA अध्यक्ष सत्यम कुमार ने स्पष्ट किया कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर अमल नहीं करती तब तक सभी गैर-आपातकालीन सेवाएं बाधित रहेंगी। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि सरकार का रवैया ऐसा ही बना रहा तो आने वाले दिनों में आपातकालीन सेवाओं को भी हड़ताल में शामिल किया जा सकता है।

आखिर क्या हैं डॉक्टरों की मांगे?

हालांकि मांगों की पूरी सूची सार्वजनिक नहीं की गई है लेकिन सूत्रों के मुताबिक डॉक्टरों ने वेतन में बढ़ोतरी कार्यस्थल पर सुरक्षा समय पर प्रमोशन और संसाधनों की उपलब्धता जैसी समस्याओं को उठाया है।

सरकार की चुप्पी पर उठे सवाल

अब तक राज्य सरकार की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है जिससे डॉक्टरों में नाराजगी और बढ़ गई है। स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार को जल्द हस्तक्षेप करना होगा वरना इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ेगा।