नई दिल्ली। अमेरिका और अन्य विकसित देशों की तरह अब हर भारतवासी का भी अपना हेल्थ कार्ड होगा. इसमें बीमारियों के साथ-साथ इलाज का पूरा इतिहास होगा, जो डॉक्टरों को उपचार में मदद करेगा. यही नहीं इसके जरिए स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी भुगतान करने में आसानी होगा. प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य अभियान (पीएम-डीएचएम) के तहत प्रदान की जाने वाली इस सेवा-सुविधा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार शुभारंभ किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2020 को लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान की पायलट परियोजना की घोषणा की थी. अभियान को छह केंद्र शासित प्रदेशों में प्रारंभिक चरण में लागू किया जा रहा है. आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) की तीसरी वर्षगांठ पर अभियान का राष्ट्रव्यापी शुभारंभ किया गया है. इससे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को नई दिशा, नई गति मिलेगा. इसके जरिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा, जिसमें स्वास्थ्य से जुड़े अन्य पोर्टल के परस्पर संचालन को भी सक्षम बनाएगा.

यह है पीएम-डीएचएम का सार

प्रधानमंत्री-डीएचएम में प्रत्येक नागरिक के लिए एक स्वास्थ्य आईडी शामिल है, जो उनके स्वास्थ्य खाते के रूप में भी कार्य करेगी. व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड को मोबाइल एप्लिकेशन की मदद से जोड़ा और देखा जा सकता है. इसके तहत, हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री (एचपीआर) और हेल्थकेयर फैसिलिटीज रजिस्ट्रियां (एचएफआर), आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों दोनों ही मामलों में सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए एक संग्रह के रूप में कार्य करेंगी. यह चिकित्‍सकों/अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए व्यवसाय में भी आसानी को सुनिश्चित करेगा.